King Cobra Death in Bhopal National Park: मध्य प्रदेश के भोपाल में वन विहार नेशनल पार्क में आए किंग कोबरा ‘नागार्जुन’ की मौत हो गई है. यह किंग कोबरा दो महीने पहले ही मैंगलोर की वाइल्डलाइफ फैसिलिटी से लाया गया था. मंगलवार (17 जून) तक 5 साल के किंग कोबरा की सभी एक्टिविटी सामान्य नजर आ रही थीं. फिर अचानक बुधवार को उसकी मौत हो गई.
बुधवार (18 जून) की सुबह सीसीटीवी कैमरा में देखा गया कि कोबार में किसी तरह की हरकत नहीं हो रही है. यह देखकर देखभाल करने वाले और डॉक्टर्स की टीम किंग कोबरा के बाड़े में गए. जाकर देखा तो सांप मृत पाया गया. अब डॉक्टर्स ने किंग कोबरा का पोस्टमार्टम कराया है. रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि उसकी मौत कैसे हुई.
दो महीने पहले दो किंग कोबरा आए थे भोपालन्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब दो महीने पहले 5 साल के नागार्जुन और 8 साल के नागशायना को मैंगलोर के पिलिकुला बायलॉजिकल पार्क से भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क लाया गया था. इन्हें बाघ के बदले एक्सचेंज किया गया था. बाघ द पशु विनिमय कार्यक्रम के तहत दो बाघ कर्नाटक को दिए गए थे. इसके बदले दो किंग कोबरा भोपाल आए थे. दोनों ही सांपों पर दिन रात नजर रखी जा रही थी.
मैंगलोर से लगातार संपर्क में थे वन विहार के डॉक्टरवन विहार अभ्यारण का मेडिकल स्टाफ लगातार मैंगलोर के बायोलॉजिकल पार्क के संपर्क में था और सांपों की हर हरकत पर डॉक्टर्स की नजर थी. अब सांप की मौत एक रहस्य बन गई है, जिसका खुलासा पोस्टमार्ट की रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगा.
किंग कोबरा होते हैं ‘किसानों के दोस्त’बता दें, किंग कोबरा दुनिया के सबसे बड़े और जहरीले सांप होते हैं, जो 18 फीट लंबे हो सकते हैं. किंग कोबरा को सबसे समझदार सांप भी माना जाता है. इस नस्ल के सांप परिस्थितियों के हिसाब से अपने शिकार की योजना बदल लेते हैं. इतना ही नहीं किंग कोबरा को इकोसिस्टम के लिए भी लाभकारी माना जाता है. ये खेतों से फसल खराब करने वाले रोडेंट को ख्त्म कर देते हैं, इसलिए इन्हें ‘किसानों का दोस्त’ कहा जाता है.
कर्नाटक से बाघ के बदले लाए गए किंग कोबरा ‘नागार्जुन’ की भोपाल में मौत, वजह अब तक रहस्य
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