गुरुग्राम में आधी रात के बाद तेज आंधी के साथ हुई झमाझम बारिश ने शहर की व्यवस्था को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया। दो घंटे की मूसलाधार बारिश ने जहां लोगों को भीषण गर्मी से राहत दी, वहीं सड़कों पर जलभराव ने प्रशासन की मानसून पूर्व तैयारियों की पोल खोल दी। शहर के कई इलाकों में सड़कों और गलियों में घुटनों तक पानी भर गया। रात करीब 1 बजे तेज हवा के साथ बिजली की गडगडाहट शुरू हो गई। कुछ ही देर में बारिश और आंधी ने गुरुग्राम को जलमग्न कर दिया। दिल्ली-जयपुर हाईवे, खांडसा, नरसिंहपुर, और सोहना रोड जैसे प्रमुख मार्गों पर जलभराव के कारण जाम की स्थिति बन गई। बारिश के कारण कई जगह पर सीवर ओवरफ्लो हो गए। लोग जब सोकर उठे तो उन्हें मौसम सुहावना मिला, लेकिन जलभराव ने परेशान कर दिया। लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए, क्योंकि मॉनसून से पहले नालों की सफाई के दावे हकीकत में नाकाम साबित हुए। नगर निगम और गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) ने मॉनसून से पहले जलभराव की समस्या से निपटने के लिए कई तैयारियों का दावा किया था। नवनियुक्त निगम कमिश्नर प्रदीप दहिया ने अधिकारियों को जलभराव के स्थायी समाधान के लिए निर्देश दिए थे। हालांकि, ताजा बारिश ने इन दावों को फेल कर दिया। ओल्ड सिटी और नए गुरुग्राम के कई इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया। स्थानीय निवासियों ने बताया कि बारिश के कारण सीवर का दूषित पानी सड़कों पर बह रहा था, जिससे बदबू और बीमारियों का खतरा बढ़ गया। एक निवासी ने एक्स पर लिखा कि हर बारिश में गुरुग्राम डूब जाता है, फिर भी प्रशासन कुछ नहीं करता। मौसम विभाग ने पहले ही गुरुग्राम सहित हरियाणा के कई जिलों में तेज हवाओं और बारिश की चेतावनी दी थी। ताजा बारिश ने तापमान में गिरावट तो लाई, लेकिन जलभराव ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी।
गुरुग्राम में तेज आंधी के साथ झमाझम बारिश:मानसून पूर्व प्रशासन की तैयारियां फेल, दो घंटे की बारिश से भरा पानी
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