ग्वालियर हाईकोर्ट में बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा लगाने को लेकर गुरुग्राम से भीम सेना की टीम मध्य प्रदेश के लिए रवाना हो गई है। लॉ एंड ऑर्डर के बिगड़ने की आशंका को देखते हुए ग्वालियर जिला प्रशासन ने भीम सेना चीफ सतपाल तंवर को नोटिस जारी करते हुए हाईकोर्ट आने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही 24 घंटे के अंदर तीन सवालों के जवाब मांगे हैं। पुलिस ने माहौल खराब होने से रोकने के लिए भड़काऊ पोस्ट्स पर नजर रखने के लिए तीन टीमें बनाई हैं। सतपाल तंवर के जयपुर हाईकोर्ट में मनु की प्रतिमा को हटाने की धमकी भरे बयान के बाद राजस्थान और मध्य प्रदेश की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। भीम सेना चीफ ने सम्मान की लड़ाई बताया ग्वालियर रवाना होने से पहले गुरुग्राम में पत्रकारों से बातचीत में सतपाल तंवर ने कहा कि वे माहौल खराब नहीं करना चाहते और शांतिपूर्वक तरीके से हाईकोर्ट में संविधान निर्माता बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करवाना चाहते हैं। ताकि देश के करोड़ों लाेगों की भावना बनी रहे। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ प्रतिमा का सवाल नहीं, बल्कि बहुजन समाज के सम्मान की लड़ाई है। प्रतिमा स्थापना का काम रोकना गलत उन्होंने कहा कि वकीलों के एक वर्ग और मध्य प्रदेश सरकार के ढीले रवैये के कारण प्रतिमा स्थापना का काम रुक गया है। जिससे भीम सेना के सदस्यों में आक्रोश है। गुरुग्राम के रहने वाले भीम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर ने तीन दिन पहले बयान जारी कर कहा था कि वे खुद ग्वालियर हाईकोर्ट पहुंचकर बाबा साहेब की प्रतिमा स्थापित करवाएंगे। भीम का ग्वालियर कूच, पुलिस रोकेगी रास्ता सतपाल तंवर के नेतृत्व में भीम सेना की एक टीम गुरुग्राम से ग्वालियर के लिए रवाना हुई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो और पोस्टर जारी कर अपने समर्थकों से ग्वालियर और जयपुर पहुंचने का आह्वान किया, जिसमें उन्होंने बाबा साहेब के सम्मान के लिए कुर्बानी देने की बात कही। ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए सिक्योरिटी बढ़ाई गई है। जयपुर से मनु की प्रतिमा हटाने की चेतावनी सतपाल तंवर ने सोमवार को फिर दोहराया कि यदि ग्वालियर हाईकोर्ट में बाबा साहेब की प्रतिमा स्थापित नहीं की गई, तो जयपुर हाईकोर्ट में स्थापित मनु की प्रतिमा को हटा दिया जाएगा। इस धमकी ने मध्य प्रदेश और राजस्थान दोनों राज्यों में राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में हलचल है। कार्यकर्ताओं को आंदोलन करने के निर्देश भीम सेना के सोशल मीडिया पोस्ट्स में कार्यकर्ताओं को आंदोलन तेज करने का निर्देश दिया गया है। इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाते हुए केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी। विवाद की जड़ इस विवाद की शुरुआत 19 फरवरी, 2025 को हुई थी। जब वकीलों के एक समूह ने चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत को ग्वालियर हाईकोर्ट में अंबेडकर प्रतिमा स्थापित करने के लिए एक ज्ञापन सौंपा था। हालांकि हाईकोर्ट की सात सदस्यीय बिल्डिंग कमेटी ने सुरक्षा और अनुशासन का हवाला देते हुए प्रतिमा स्थापना की अनुमति देने से इनकार कर दिया। बार एसोसिएशन का एक वर्ग इस फैसले का समर्थन कर रहा है, जबकि दूसरा वर्ग इसे संविधान निर्माता के सम्मान का मुद्दा बताकर विरोध में खड़ा है। गुरुग्राम स्थित भीम सेना की धमकी ने इस विवाद को अब जातिगत और राजनीतिक रंग दिया है।
गुरुग्राम से भीम सेना की टीम ग्वालियर रवाना:सतपाल तंवर को नोटिस भेज 24 घंटे में जवाब मांगा, ग्वालियर हाईकोर्ट में प्रवेश पर रोक
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