भास्कर न्यूज | अमृतसर गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब के कपाट रविवार को पारंपरिक अरदास के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। यात्रा की शुरुआत 22 मई को ऋषिकेश स्थित गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब, लक्ष्मण झूला मार्ग से हुई। पहले जत्थे को पंज प्यारों की अगुवाई में रवाना किया गया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यात्रा का शुभारंभ किया। इस मौके पर गुरुद्वारा परिसर और दरबार हॉल को फूलों, लाइटों और सजावटी सामान से सजाया गया। सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ गुरुद्वारा परिसर में जुटने लगी थी। दोपहर 11:30 बजे राज्यपाल और मुख्यमंत्री के आगमन पर गुरुद्वारा ट्रस्ट और गणमान्य लोगों ने उनका स्वागत किया। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना, यमकेश्वर विधायक रेणू बिष्ट, विश्वास डावर, पुनीत मित्तल, विधायक प्रेमचंद अग्रवाल, मुनि की रेती नगर पालिका अध्यक्ष नीलम बिजल्वान, ऋषिकेश महापौर शंभू पासवान, संत समाज से स्वामी ज्ञानदेव, स्वामी चिदानंद सरस्वती, महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, संत बाबा जोध सिंह, ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, दिनेश चंद्र शास्त्री, ओंकार सिंह, एस.पी. सिंह सहित कई प्रमुख लोग मौजूद रहे। गुरुद्वारा ट्रस्ट ने सभी का स्वागत कर आभार जताया। स्वागत समारोह के बाद दरबार हॉल में राज्यपाल ने गुरु महाराज के सामने मत्था टेका। संत समाज के अनुयायियों को सिरोपा, प्रसाद और स्मृति चिन्ह भेंट किए। पंज प्यारों को सम्मानित किया गया। गुरुद्वारा ट्रस्ट अध्यक्ष सरदार नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को हेमकुंट साहिब की फोटो, श्री साहिब और सिरोपा भेंट किया। मुख्यमंत्री ने संगत से यात्रा की पवित्रता बनाए रखने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की। राज्यपाल ने सिख धर्म और हेमकुंट साहिब यात्रा की जानकारी दी। दोपहर करीब 1:40 बजे राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारा परिसर से प्रस्थान किया। इससे पहले लंगर हॉल में बैठकर लंगर प्रसाद ग्रहण किया। इस धार्मिक अवसर पर ऋषिकेश के स्थानीय नागरिकों के साथ लालवाला मजबता, बंदरजूड, नून्नावाला, छिद्दरवाला, श्यामपुर आदि क्षेत्रों की संगतें भी मौजूद रहीं।
गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब यात्रा शुरू अरदास के साथ आज खुलेंगे कपाट
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