ग्रेटर नोएडा में अजनारा होम्स में पानी की सप्लाई ठप, बिल्डर के खिलाफ लोगों का हल्ला बोल

by Carbonmedia
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Water Crisis: ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित अजनारा होम्स सोसाइटी में पिछले एक सप्ताह से चल रही पानी की समस्या अब गंभीर रूप ले चुकी है.  लगभग 2300 परिवार इस समस्या से परेशान हैं. सोमवार रात को पानी की सप्लाई पूरी तरह ठप हो जाने के बाद नाराज निवासियों ने बिल्डर प्रबंधन और मेंटेनेंस टीम के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. लोगों का आरोप है कि पंप हाउस की मोटर पिछले सात दिनों से खराब है, लेकिन उसे ठीक नहीं किया गया. सोसाइटी के लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. बहार से पानी के टैंकर सप्लाई के लिए मंगाई जा रहे हैं लिए मंगाई जा रहे हैं.


मेंटेनेंस टीम का कहना है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से पानी की आपूर्ति कम हो रही है, जिस कारण पानी के टैंकर मंगवाए जा रहे हैं. हालांकि, प्राधिकरण ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि पानी की सप्लाई लगातार की जा रही है. बिल्डर की मोटरें ख़राब बताई जा रही है. जिसके कारण पानी की सप्लाई सोसाइटी में नहीं हो पा रही है. प्राधिकरण की कमी नहीं बल्कि बिल्डर की कमी बताई जा रही है.


सभी टावरों में दिक्कत


ग़ौरतलब है कि लगभग सभी टावरों में पूरे दिन पीने के पानी की किल्लत बनी रही, जिससे हजारों लोग पानी से प्रभावित हुए. लोगों का कहना है कि मेंटेनेंस कार्यालय में कोई अधिकारी सुनवाई के लिए मौजूद नहीं था. सोसाइटी के लोगो का कहना है कि इस भीषण गर्मी में पानी की वजह से काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.


भीषण गर्मी में बढ़ा संकट


एओए अध्यक्ष चंदन सिंह ने बताया कि पानी की समस्या पिछले दिनों से बनी हुई है और अब स्थिति असहनीय हो गई है. इस भीषण गर्मी में पीने के पानी के लिए सोसाइटी के लोग काफ़ी परेशान हैं. बल्कि तानाशाही देखने को मिल रही है, तो वहीं प्राधिकरण भी सोसाइटी के लोगों की मदद नहीं कर रहा. सोसाइटी के निवासी काफ़ी परेशान हैं. लोग पानी का टैंकर बाहर से मंगाए जा रहे हैं. स्थिति में तत्काल सुधार की मांग करते हुए निवासी लगातार आवाज उठा रहे हैं.


सप्लाई के लिए प्रयासरत प्राधिकरण


ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीनियर मैनेजर राजेश कुमार ने बताया कि सोसाइटी का एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) वर्तमान में कार्यरत नहीं है, और प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराया गया पेयजल सभी कार्यों के लिए उपयोग में लाया जा रहा है, जिससे दबाव और बढ़ गया है. प्राधिकरण की तरफ़ से पानी की सप्लाई पूरी की जा रही है. इस में प्राधिकरण की तरह से कोई गलती नहीं है बल्कि बिल्डर की तरफ़ से ही कमी है.

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