वित्तीय संकट से जूझ रहे चंडीगढ़ नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भरने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं। निगम ने 40 से ज्यादा बड़े डिफॉल्टरों को टैक्स चुकाने के लिए नोटिस जारी किए हैं, जिन पर कुल ₹5 करोड़ से अधिक की बकाया राशि है। सूत्रों के मुताबिक, चंडीगढ़ में वर्ष 2004 में प्रॉपर्टी टैक्स लागू होने के बाद से अब तक करीब ₹200 करोड़ से अधिक की राशि बकाया हो चुकी है। निगम ने टैक्स की संशोधित दरों के आधार पर बकाया की नई लिस्ट तैयार की है। नगर निगम अधिनियम की धारा 138 के तहत निगम आयुक्त को यह अधिकार प्राप्त है कि वह डिफॉल्टर की संपत्ति को कुर्क, सील या नीलाम कर सकते हैं। सरकारी विभागों को भी मिलेगा नोटिस नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि नोटिस मिलने के बाद डिफॉल्टरों को एक महीने का समय दिया गया है। अगर इस अवधि में टैक्स जमा नहीं किया गया तो निगम उनके मकान या दुकान को कुर्क कर सकता है। नोटिस व्यवसायिक और आवासीय दोनों तरह की संपत्तियों के मालिकों को भेजे गए हैं। अगले चरण में निगम की ओर से पंजाब, हरियाणा और यूटी प्रशासन के विभिन्न सरकारी विभागों को भी टैक्स भुगतान न करने पर नोटिस भेजे जाएंगे। जानकारी के अनुसार पंजाब यूनिवर्सिटी, पीजीआई, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज और कई अन्य सरकारी संस्थानों पर करोड़ों रुपये का टैक्स बकाया है। इनमें से कई मामलों में टैक्स भुगतान को लेकर कानूनी विवाद भी चल रहे हैं। CAG की रिपोर्ट में नगर निगम की खिंचाई हाल ही में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने अपनी रिपोर्ट में चंडीगढ़ नगर निगम को प्रॉपर्टी टैक्स वसूली में लापरवाही के लिए फटकार लगाई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि निगम के पास टैक्स वसूली के लिए कोई प्रभावी मॉनिटरिंग सिस्टम नहीं है। 62 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड वसूली इस बीच, टैक्स भुगतान पर छूट मिलने की वजह से बीते 2 महीनों में नगर निगम को रिकॉर्ड ₹62 करोड़ की प्रॉपर्टी टैक्स वसूली हुई है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में दोगुनी है। गौरतलब है कि प्रॉपर्टी टैक्स नगर निगम के लिए नियमित आमदनी का सबसे बड़ा स्रोत है।
चंडीगढ़ निगम का 200 करोड़ प्रॉपर्टी टैक्स बकाया:40 डिफॉल्टरों को भेजे नोटिस, 5 करोड़ वसूलने की तैयारी, सरकारी विभाग भी शामिल
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