‘चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ मामले में हाईकोर्ट में विस्तृत जवाब दाखिल करेंगे महाधिवक्ता’, बोले कर्नाटक के गृह मंत्री

by Carbonmedia
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कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने मंगलवार (10 जून, 2025) को कहा कि चार जून को यहां हुई भगदड़ के संबंध में हाईकोर्ट की ओर से उठाए गए सवालों पर महाधिवक्ता (AG) विस्तृत जवाब दाखिल करेंगे. भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी.
मंत्री का यह बयान हाईकोर्ट की ओर से इस घटना के संबंध में दायर याचिका पर अगली सुनवाई 12 जून को निर्धारित किए जाने के बाद आया है. कोर्ट ने महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी को सीलबंद लिफाफे में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. परमेश्वर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘न्यायालय द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए जाने हैं. महाधिवक्ता जवाब तैयार करके देंगे. सरकार की ओर से जो कहना है, वह कहेंगे. उन सभी बातों पर चर्चा हो चुकी है. मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और महाधिवक्ता ने चर्चा की है. तथ्य न्यायालय को बताए जाएंगे.’
यह पूछे जाने पर कि क्या जांच रिपोर्ट पेश की जाएगी, उन्होंने कहा, ‘पहले इसे सरकार के पास आना चाहिए. सरकार के पास आने के बाद न्यायालय को सूचित किया जा सकता है. तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता.’ पिछले सप्ताह, उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को नौ महत्वपूर्ण प्रश्नों के विस्तृत उत्तर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति सी एम जोशी की खंडपीठ ने इस घटना के मद्देनजर पिछले गुरुवार को अदालत द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए दाखिल रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए कुछ प्रश्न पूछे: आरसीबी की जीत का जश्न मनाने के लिए किसने कार्यक्रम को अधिकृत किया? निर्णय कब और कैसे लिया गया? क्या आयोजकों ने आवश्यक अनुमति प्राप्त की थी?
भगदड़ 4 जून की शाम को यहां चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई, जहां बड़ी संख्या में लोग आरसीबी टीम की आईपीएल में मिली जीत का जश्न मनाने के लिए उमड़े थे. इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई और 56 घायल हो गए.
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के कांग्रेस आलाकमान से मिलने के लिए दिल्ली जाने के संबंध में पूछे गए सवाल पर गृह मंत्री ने कहा कि बैठक का एजेंडा ज्ञात नहीं है.
यह पूछे जाने पर कि क्या मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना है, उन्होंने कहा, ‘मुझे कैसे पता चलेगा? मैं अटकलें नहीं लगाना चाहता. मुझे नहीं पता. अगर मुझे बुलाया जाएगा तो मैं जाऊंगा. उन्होंने मुख्यमंत्री और शिवकुमार, जो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं, के अलावा किसी और को नहीं बुलाया है.’
हिंदूवादी कार्यकर्ता सुहास शेट्टी हत्याकांड की जांच एनआईए को सौंपे जाने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए परमेश्वर ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास कुछ शक्तियां हैं और उसी के तहत उसने मामले को स्थानांतरित करने का आदेश दिया, जिससे यह राज्य के लिए अपरिहार्य हो गया.
यह पूछे जाने पर कि किस आधार पर मामला एनआईए को सौंपा गया, परमेश्वर ने कहा, ‘उन्होंने (केंद्रीय गृह मंत्रालय ने) कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है, उन्होंने कुछ धाराओं का हवाला दिया है.’ क्या राज्य भाजपा के दबाव ने निर्णय को प्रभावित किया है, इस पर मंत्री ने कहा, ‘मुझे इसके बारे में पता नहीं है, इस तरह की कोई बात नहीं कही गई है.’
हत्या का मामला एनआईए को सौंपे जाने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि इसके पीछे क्या कारण है, पत्र में इसका उल्लेख नहीं है. केवल धाराओं का हवाला दिया गया है और कहा गया है कि मामला एनआईए को सौंप दिया जाना चाहिए…हमारे पास बहुत कम विकल्प हैं.’

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