जींद में दूर हुआ जल संकट:हांसी ब्रांच-सुंदर ब्रांच नहर में आया पानी, 7 दिन चलेगी, विभाग पर्याप्त पानी के लिए कर रहा प्लानिंग

by Carbonmedia
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हरियाणा के जींद में पिछले डेढ़ माह से चल रहा जल संकट अब दूर होने जा रहा है। जिले के दो तिहाई हिस्से को कवर करने वाली हांसी ब्रांच नहर और सुंदर ब्रांच नहर में पानी आ गया है। जल्द ही जलघरों में पानी पहुंच जाएगा और पेयजल सप्लाई पहले की तरह सुचारू हो जाएगी। 23 मई को हैड से पानी छोड़ा गया था, जो शनिवार शाम को जींद पहुंचा। जन स्वास्थ्य विभाग और HSVP ने पर्याप्त पानी के लिए प्लानिंग शुरू कर दी है, ताकि टैंक पानी से फुल किए जा सकें। फिलहाल नहर से जलघर तक पानी लाने की जो व्यवस्था है, उसके अलावा अतिरिक्त हैंडपंप लगाए जाएंगे। फिलहाल शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल सप्लाई की कटौती की गई है। ग्रामीण क्षेत्र में तीन दिन में एक बार पेयजल सप्लाई हो रही है। जलघरों में ट्यूबवेलों का पानी एकत्रित किया गया है। लोग पेयजल के कैंपर रखवा रहे हैं। कैंपर चालकों ने भी 10 रुपए की जगह 30 रुपए तक 15 लीटर के कैंपर के पानी के रेट किए हुए हैं। अब नहरी पानी आना शुरू हो गया है तो जल संकट दूर हो जाएगा। पिछली बार की योजना भी पड़ गई कम
पिछली बार करीब 40 दिन पहले नहर में पानी आया था। तब जींद शहर में पेयजल के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा तीन अतिरिक्त पंप लगाकर पानी एकत्रित किया गया, लेकिन यह व्यवस्था भी कम पड़ गई। शहर में HSVP के टैंकों में दस लाख लीटर पानी रखने की कैपेसिटी है। यह पानी निर्धारित मानकों के अनुसार आपूर्ति किया जाए तो अधिकतम 20 दिन तक ही पानी चलता है। ऐसे मे इस बार एचएसवीपी ने पानी की आपूर्ति में कटौती कर काम चलाया। इसके अलावा सेक्टर छह, सात आठ व नौ में दो ट्यूबवैल से पानी की आपूर्ति की जाती है। धान की पौध तैयार करने में भी मिलेगा लाभ
एक ओर नहरों में पानी आने से जहां जिला का पेयजल संकट समाप्त होगा, वहीं किसानों को भी लाभ होगा। धान की रोपाई के लिए किसान पहले पौध की बिजाई करे हैं। नहर के पानी में जहां धान की पौध का जमाव अच्छा होता है, वहीं गुणवत्ता भी बेहतर होती है। ऐसे में नहरे पानी में ही किसान धान की बिजाई को प्राथमिकता देते हैं। एक सप्ताह तक नहर चलेगी। सिंचाई विभाग के एक्सईएन राजेश कुमार ने बताया कि जिला की प्रमुख नहर हांसी व सुंदर ब्रांच नहरों में पानी आ गया है। इससे जिला का अधिकतर क्षेत्र कवर होता है। नहरों में पानी आने से पेयजल के साथ किसानों को सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध होगा। नहरों की सफाई करवाई गई है। पर्याप्त पानी टेल तक पहुंचे, इसके लिए व्यवस्था की जा रही है। HSVP के जेई अनुज कुमार ने कहा कि नहर में पानी आने पर जलघर के टैंक को भरने के लिए व्यवस्था की जा रही है। क्षमता के अनुसार टैंक में पानी भरा जाएगा। पिछली बार भी तीन अतिरिक्त पांप लगाए गए थे। इसी बार भी जरूरत के अनुसार पंप लगाए जाएंगे। अभी तक टैंकों में पानी है, लेकिन पानी कम होने के कारण व्यवस्था बनाने के लिए कटौती की गई।

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