डोनाल्ड ट्रंप ने आसिम मुनीर को कराया लंच तो भड़के दिग्विजय सिंह, कहा, ‘जय सिया राम, PM मोदी…’

by Carbonmedia
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Donald Trump-Asim Munir News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ एक निजी लंच की मेजबानी की. इस मुलाकात को लेकर भारत में विपक्षी दलों के नेताओं ने नरेंद्र मोदी सरकार को जमकर घेरा है. कांग्रेस ने इसे भारतीय कूटनीति के लिए झटका करार दिया.
ट्रंप और मुनीर की मुलाकात को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह बात उजागर हो गई है. डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के क्या रिश्ते हैं, जो व्यक्ति सेना का प्रमुख होने के बाद भी धार्मिक कट्टरपंथी वक्तव्य देता हो, खुले रूप से आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करता हो, उसे US के राष्ट्रपति अपने घर पर भोजन करा रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “क्या अमेरिकी जनमानस आतंकवाद का समर्थन करते हैं? बिलकुल नहीं, पर वहां ऐसे कई लोग हैं, जो आतंकवाद को भी जिओ पॉलिटिक्स का एक अंग मानते हैं. क्या तालिबान को अंत में US का समर्थन नहीं मिला? जय सिया राम. ट्रंप के साथ आसिम मुनीर का लंच और पीएम मोदी की ऐसी बेबसी?”
कांग्रेस नेता बोले- ये सरकार की कूटनीतिक विफलता
कांग्रेस के अन्य नेताओं, जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने भी इस मुलाकात को लेकर सरकार पर निशाना साधा और इसे भारत की कूटनीतिक विफलता बताया. दूसरी ओर व्हाइट हाउस ने इस मुलाकात को क्षेत्रीय स्थिरता और आतंकवाद विरोधी सहयोग पर केंद्रित बताया. यह घटना भारत-अमेरिका संबंधों और क्षेत्रीय भू-राजनीति पर नए सवाल खड़े करती है.
बता दें कि ट्रंप ने इस मुलाकात में भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के सैन्य तनाव को कम करने में मुनीर की भूमिका की सराहना की और दावा किया कि उन्होंने दोनों देशों के बीच युद्ध को रोका. हालांकि, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने स्पष्ट किया कि मई में हुई सीजफायर भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच बातचीत का नतीजा था, न कि अमेरिकी मध्यस्थता का.
इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच हुई मुलाकात
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब इजरायल-ईरान संघर्ष तेज हो रहा है. मुनीर ने वॉशिंगटन में एक सार्वजनिक भाषण में ईरान के प्रति पाकिस्तान का समर्थन जताया, जो ट्रंप की ईरान के खिलाफ सख्त नीति के उलट है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुलाकात अमेरिका की रणनीतिक जरूरतों, विशेष रूप से ईरान के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर हो सकती है. पाकिस्तान की भौगोलिक स्थिति और सैन्य संसाधन इसे अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण बनाते हैं.

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