देवेन्द्र यादव ने अपने संबोधन में बताया कि पंडित नेहरू ने आजादी के बाद देश को औद्योगीकरण और प्रगति की राह दिखाई. भाखड़ा बांध, इसरो जैसे वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र, बोकारो और भिलाई जैसे आधुनिक कारखानों की स्थापना उनके विजन का हिस्सा थी. उन्होंने शिक्षा, विज्ञान, तकनीक, और उद्योग के क्षेत्र में कई ऐसी संस्थाएं बनाईं, जो आज भारत की रीढ़ हैं. आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों की नींव रखकर नेहरू जी ने ऐसी प्रतिभाएं तैयार कीं, जो आज दुनियाभर में बड़ी-बड़ी कंपनियों के सीईओ, प्रधानमंत्री, और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर हैं.
उन्होंने कहा, “नेहरू जी ने न सिर्फ एक सशक्त और समावेशी भारत का सपना देखा, बल्कि उसे हकीकत में बदलने के लिए ठोस कदम भी उठाए. आधुनिक न्याय, शिक्षा, और लोकतंत्र की नींव रखने में उनका योगदान अतुलनीय है. उनकी सोच और आदर्श आज भी हमें नई दिशा दिखाते हैं.”
श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए दिग्गज
राजीव भवन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में देवेन्द्र यादव के साथ-साथ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दिल्ली प्रभारी काजी निजामुद्दीन, पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज, एडमिनिस्ट्रेशन इंचार्ज जतिन शर्मा, जिला अध्यक्ष सिद्धार्थ राव, धर्मपाल चंदेला, जावेद मिश्रा, इंद्रजीत सिंह, राजेश चौहान, हर्ष चौधरी, सतबीर शर्मा, सेवादल के मुख्य संगठक श्री सुनील कुमार, एससी विभाग के चेयरमैन संजय नीरज, महिला अध्यक्ष पुष्पा सिंह, नरेश शर्मा नीटू, योगेश जैन, मंगेश त्यागी, कमल अरोड़ा, जय प्रकाश, अक्षय कुमार, विनीत यादव, राहुल धानक और राहुल डबला ने पंडित नेहरू की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की.
नेहरू जी की विरासत आज भी प्रासंगिक
यादव ने जोर देकर कहा कि नेहरू जी के विचार और उनकी कर्तव्यनिष्ठा आज भी देश को प्रेरित करती है. उन्होंने एक ऐसे भारत की कल्पना की थी, जो न सिर्फ आत्मनिर्भर हो, बल्कि वैश्विक मंच पर भी अपनी मजबूत पहचान बनाए. उनकी स्थापित संस्थाएं और नीतियां आज भी भारत को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही हैं.
पंडित नेहरू की पुण्यतिथि पर यह सभा न सिर्फ उनकी स्मृति को श्रद्धांजलि थी, बल्कि उनके विचारों को अपनाने और देश को और मजबूत बनाने का संकल्प भी था.
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