हरियाणा के नारनौल में समाज में फैली बुराइयों को रोकने के लिए नांगल चौधरी में ब्राह्मण व जाट समाज की बैठकें आयोजित हुई। दोनों समाजों की बैठकों में परंपराओं की आड में पल रही कुरीतियों के बारे में चर्चा हुई। वहीं दहेज प्रथा, मृत्यु भाेज आदि पर रोक लगाने की मांग भी उठी। बैठक में गांव-गांव जाकर समाज सुधारने के लिए अभियान चलाने का भी निर्णय लिया गया। नांगल चौधरी के भगवान परशुराम सेवा सदन में ब्राह्मण समाज की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें समाज में चल रही पुरानी परंपराओं और कुरीतियों पर खुलकर बात हुई। बैठक की अध्यक्षता राधेश्याम शर्मा ने की और इसमें मृत्युभोज, डीजे नाच, किन्नर दक्षिणा, गरीब कन्याओं के विवाह जैसे मुद्दों पर समाज के लोगों ने अपनी राय रखी। अंजनी शास्त्री ने कहा कि अब हमारे समाज में बाल विवाह जैसी कुरीतियां नहीं हैं, लेकिन मृत्युभोज पर सोचने की जरूरत है। प्रमोद वत्स बोले कि मृत्युभोज पूरी तरह गलत नहीं है, लेकिन इसका खर्च सीमित होना चाहिए ताकि समाज में दिखावा न फैले। ये लिए गए बैठक में निर्णय बैठक में निर्णय लिया गया कि मृत्युभोज को छोटा और सादा करने की अपील, डीजे पर नाचने जैसी चीजों पर रोक लगानेपर सहमति बनाने का प्रयास किया जाए, साल में कम से कम एक गरीब कन्या का विवाह समाज द्वारा करवाया जाए, किन्नरों की दक्षिणा की सीमा तय की जाए, ब्राह्मणों में यज्ञोपवित (जनेऊ) संस्कार पर ज़ोर, समाज सुधार के लिए युवाओं की टीम बनाई जाए, हर साल एक वार्षिक कार्यक्रम हो, जिसमें होनहारों को सम्मान मिले। इस मौके पर शिवकुमार शर्मा (खजांची), अंजनी शास्त्री, सुभाष शर्मा, प्रमोद वत्स, बालकिशन जोशी, पार्षद मुकेश शर्मा, योगेश शर्मा, सुनील जागीरदार, सुशील शर्मा बूढ़वाल, विजय शर्मा नांगल नुनिया, अशोक शर्मा, डॉ. ललित मोहन जोशी, विनोद शर्मा आंतरी, रवि सहित अनेक लोग मौजूद रहे। जाट समाज ने भी लिए कई निर्णय दूसरी ओर जाट समाज की बैठक जाट सभा में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जाट सभा के प्रधान जोगेंद्र छिल्लर ने की। इस मौके पर समाज में फैल रही पुरानी परंपराओं और सामाजिक कुरीतियों पर गहरी चर्चा की गई और इन पर रोक लगाने के लिए निर्णायक कदम उठाने की घोषणा हुई। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा “अब समाज में संकल्प लिया जाए कि न दहेज देंगे, न लेंगे। वक्ताओं ने इसे “संस्कारहीनता की पराकाष्ठा” बताते हुए पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने की मांग की। बैठक में फैसला लिया गया कि जाट समाज की एक विशेष टीम बनाई जाएगी, जो हर गांव जाकर पंचायतों के प्रतिनिधियों से संवाद करेगी, समाज को जागरूक करेगी और समर्थन जुटाकर बदलाव की नींव रखेगी। इस मौके पर समाज के अनेक लोग मौजूद रहे।
नारनौल में हुई ब्राह्मण व जाट समाज की बैठकें:दहेज प्रथा, मृत्यु भाेज व डीजे पर महिलाओं के नाचने पर रोक लगाने की मांग
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