पलवल जिले के श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के बीटेक स्टूडेंटों ने प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए एक अनूठी मशीन विकसित की है। यह मशीन प्लास्टिक की बोतलों को 3डी प्रिंटर के लिए फ्लामेंट में बदल देती है। मशीन की लागत मात्र 2 हजार रुपए है। बाजार में ऐसी मशीनें लाखों रुपए में मिलती हैं। गुणवत्ता और मोटाई को एक समान जानकारी के अनुसार मशीन में थ्रेडिंग यूनिट, हीटिंग और एक्सट्रूशन सिस्टम तथा कूलिंग व्यवस्था है। यह सिस्टम फ्लामेंट की गुणवत्ता और मोटाई को एकसमान बनाए रखता है। छात्रों ने मुख्य रूप से पीईटी बोतलों पर काम किया है। ये बोतलें आमतौर पर कोल्ड ड्रिंक्स और पानी की पैकेजिंग में इस्तेमाल होती हैं। कुलपति ने दी बधाई इस प्रोजेक्ट में अजय साहू, रिया, पूजा, किरण, भावना, साक्षी और आरती शामिल हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने स्टूडेंटों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह मशीन युवाओं के लिए स्वरोजगार का जरिया बन सकती है। उन्होंने छात्रों को प्लास्टिक निपटारे पर और शोध करने के लिए प्रेरित किया है। यह मशीन देखते ही देखते प्लास्टिक की बोतल को निश्चित मोटाई की पट्टी में तब्दील कर उसका गोला बना देती है। बाद में उसे थ्री डी प्रिंटिंग या प्लास्टिक की कोई आइटम बनाने में रीयूज किया जा सकेगा।
पलवल में स्टूडेंट ने बनाई फ्लामेंट बनाने की मशीन:प्लास्टिक बोतल का किया इस्तेमाल, 2 हजार राशि की खर्च
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