उत्तर प्रदेश के पीलीभीत क्षेत्र में बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोगों द्वारा किए गए सामूहिक धर्म परिवर्तन किए जाने की खबर है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने मामले पर गहरी चिंता जताते हुए मामले की जांच करवाने का फैसला किया है। मामले की जांच की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सिख मिशन के प्रमुख को सौंपी गई है। धामी ने बताया कि स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए सिख प्रचारकों की एक टीम पीलीभीत के लिए रवाना की जा रही है। जो हर पहलू से जांच पूरी करके जल्द रिपोर्ट एसजीपीसी को सौंपेगी। प्रधान धामी ने कहा कि किसी भी धर्म के पैरोकारों को लालच देकर जबरदस्ती धर्म तब्दील करवाना उचित नहीं है। सूत्रों के मुताबिक 3000 से ज्यादा सिख समुदाय के लोगों द्वारा इसाई धर्म स्वीकार करने की खबरें थीं। वहां गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी भी अमृतपान जैसे धार्मिक कार्यक्रमों के जरिए 160 परिवारों को सिख धर्म में वापस ला चुकी है। सूत्रों अनुसार अपना धर्म छोड़कर गए परिवारों की सिख धर्म में वापसी के लिए विहिप भी एक्टिव हो गई है। एसजीपीसी की ओर से जांच के दिए आदेश ने फिर से अवैध धर्मांतरण का मुद्दा गरमा दिया है। इलाज करवाने और लालच देकर किया गया गुमराह… प्रधान एचएस धामी ने कहा, भारत-नेपाल के सीमांत क्षेत्र में स्थित कुछ गांव में बसे सिख भाईचारे के लोगों को रोगों का इलाज व अन्य कई तरह के लालच तथा झूठे आश्वासन देकर धर्म परिवर्तन के लिए गुमराह किया गया था। उन्होंने कहा कि बेशक अधिकांश परिवारों ने धर्म परिवर्तन जैसी इस बात से इनकार किया है लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच करवाने का फैसला लिया गया है।
पीलीभीत में सिख समुदाय के बड़ी संख्या में धर्मांतरण की जांच को टीम भेजेगी एसजीपीसी
10
previous post