हरियाणा के कैथल जिले के पुंडरी स्थित फरल गांव में इन दिनों एक अनोखा दृश्य देखने को मिल रहा है। मां भद्रकाली मंदिर में साध्वी सरस्वती पूरी पंचधूनी में बैठकर तपस्या कर रही हैं। पंचधुनी यानी पांच अग्नि कुंडों के बीच की यह तपस्या सबसे कठिन मानी जाती है। आसपास के क्षेत्रों के लोग पहुंचे वहीं साध्वी सरस्वती पुरी गांव की सुख-शांति के लिए यह कठिन तप कर रही हैं। गांव के युवक बलराम और गौरव के अनुसार यह तपस्या आमतौर पर नौतपा के दिनों में की जाती है। इस दौरान सूर्य सिर पर होता है और महंत, साधु-साध्वी दोपहर में अग्नि कुंडों के बीच बैठते हैं। इस अनूठी तपस्या को देखने के लिए आसपास के क्षेत्रों से भक्तों का तांता लगा हुआ है। फल्गु ऋषि की उपासना के लिए प्रसिद्ध गांव वही बता दे कि फरल गांव का अपना एक समृद्ध इतिहास है। यह ऐतिहासिक गांव फल्गु ऋषि की उपासना के लिए प्रसिद्ध है। हर सोमवती अमावस्या से पहले यहां 12-15 दिनों का मेला लगता है। हरियाणा सरकार फल्गु ऋषि के नाम पर बड़े मेले का आयोजन करवाती है।
पूंडरी के फरल गांव में पंच धूणी तपस्या:तप पर बैठी साध्वी सरस्वती पुरी, सुख-शांति के लिए कर रही साधना
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