Mumbai Flat Purchase: महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (महा-रेरा) राज्य में रियल एस्टेट क्षेत्र की पारदर्शिता, जवाबदेही और ग्राहकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली एक सरकारी संस्था है, लेकिन यह संस्था लंबे समय तक धीमी गति से काम करने के कारण आलोचनाओं का सामना करती रही थी.
2016 में गठित महा-रेरा पर 2020 से 2023 के बीच हजारों शिकायतें लंबित पड़ी रहीं. तीन साल में महज़ 3,250 मामलों का ही निपटारा हो पाया. कई शिकायतों की सुनवाई जानबूझकर टाल दी गई, जिससे घर खरीदारों में निराशा बढ़ी, लेकिन सितंबर 2024 के बाद तस्वीर पूरी तरह बदल गई.
पुराने केस ने पकड़ी गतिसरकार द्वारा मनोज सौनिक को महा-रेरा का नया अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद संस्था की कार्यशैली में बड़ा बदलाव देखने को मिला. आठ महीनों में ही 1,655 मामलों का निपटारा किया गया. सौनिक ने कार्यभार संभालते ही शिकायतों की सुनवाई को प्राथमिकता दी और अब रोज़ाना 175 से 200 मामलों की सुनवाई हो रही है. इससे वे सभी पुराने केस जो वर्षों से अटके थे, अब गति पकड़ चुके हैं.
एक बड़ी पहल के तहत उन्होंने ‘प्रोनाउंसमेंट ऑफ ऑर्डर’ की प्रणाली शुरू की, जिसके तहत शिकायत का निर्णय होते ही उसकी जानकारी तुरंत संबंधित पक्षों को दी जाती है. इससे प्रक्रिया न सिर्फ पारदर्शी हुई है, बल्कि शिकायतकर्ताओं को त्वरित न्याय भी मिलने लगा है.
तकनीकी समस्या का हुआ समाधानसौनिक के पूर्ववर्ती अध्यक्ष अजय मेहता के कार्यकाल में बिना पूर्ण परीक्षण के एक नई वेबसाइट शुरू की गई थी, जिससे प्रोजेक्ट पंजीकरण की प्रक्रिया में बाधाएं उत्पन्न हुईं. मनोज सौनिक ने इस तकनीकी समस्या का समाधान कराकर दोबारा प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पटरी पर ला दिया.
मनोज सौनिक की स्पष्ट, तेज और परिणाममुखी कार्यशैली के कारण महा-रेरा में घर खरीदारों का विश्वास फिर से लौट रहा है. लंबित शिकायतों का तेजी से निपटारा और पारदर्शिता ने रियल एस्टेट क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगाई है. यह कार्यकाल घर खरीदारों के लिए एक नई सुबह की तरह है—जहां न्याय की प्रक्रिया अब वास्तव में उनके दरवाज़े तक पहुंच रही है.
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