UP News: मेरठ के थाना लालकुर्ती क्षेत्र में मोहर्रम जुलूस के दौरान ताजिया की ऊंचाई को लेकर विवाद खड़ा हो गया. पुलिस ने ताजिया की ऊंचाई 10 फीट होने का हवाला देते हुए जुलूस को रोक दिया, क्योंकि प्रशासन द्वारा इससे कम ऊंचाई की अनुमति दी गई थी. इस फैसले से स्थानीय मुस्लिम समुदाय में नाराजगी देखी गई, और स्थानीय लोगों के बिरोध से मामला गरमा गया, पुलिस ने समझाया तो मामला शांत हुआ.
पुलिस के मुताबिक ताजिया की ऊंचाई तय मानकों से अधिक थी, जिससे बिजली के तारों के साथ टकराव का खतरा था. सुरक्षा कारणों से ताजिया को तब तक रोका गया, जब तक इसकी ऊंचाई कम नहीं की गई. पुलिस ने यह भी बताया कि जुलूस में कोई इलेक्ट्रीशियन मौजूद नहीं था, जो सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ी चूक थी. बिजली के तारों के नीचे से ऊंचा ताजिया निकालना खतरनाक हो सकता था, खासकर हाल ही में अलीगढ़ में हुए दर्दनाक हादसे के बाद, जहां ताजिया के हाई टेंशन तार से टकराने से एक युवक की मौत हो गई थी.
समुदाय का विरोध, अन्य धर्मों का समर्थन
स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने पुलिस के इस फैसले का विरोध किया. उनका कहना था कि ताजिया वर्षों से इसी रूप और ऊंचाई में निकाला जाता रहा है, और अब अचानक इस पर आपत्ति जताना अनुचित है. खास बात यह रही कि स्थानीय अन्य धर्मों के व्यापारियों ने भी मुस्लिम समुदाय का साथ दिया. उनका तर्क था कि परंपराओं का सम्मान करते हुए समाधान निकाला जाना चाहिए.
पुलिस और आयोजकों में बातचीत
पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए समुदाय के लोगों को समझाने की कोशिश की. अधिकारियों ने बताया कि यह कदम केवल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. काफी मशक्कत और बातचीत के बाद आयोजक ताजिया की ऊंचाई कम करने पर सहमत हुए.इसके बाद पुलिस ने जुलूस को आगे बढ़ने की अनुमति दी.
मेरठ में मोहर्रम जुलूस विवाद: ताजिया की ऊंचाई को लेकर पुलिस ने रोका, लोगों में नाराजगी
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