Lucknow News: किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य की ओर बढ़ रही योगी सरकार अब सिंचाई व्यवस्था को आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल बनाने में जुट गई है. सरकार ने प्रदेश के 1750 पुराने राजकीय नलकूपों को दोबारा बनाने और उन्हें ईको फ्रेंडली ट्यूबवेल में बदलने का फैसला किया है. इससे राज्य के करीब ढाई लाख किसानों को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा.
सरकार का लक्ष्य अगले दो वर्षों में इन सभी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करना है. इसके साथ ही सिंचाई क्षमता में 1.75 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी भी होगी. इन नलकूपों के आसपास पौधारोपण कर उन्हें हरा-भरा और पर्यावरण अनुकूल बनाया जाएगा. इससे न केवल जलस्तर सुधरेगा, बल्कि क्षेत्र का वातावरण भी बेहतर होगा.
सौर ऊर्जा से चलेंगी छोटी नहरें, सर्वे का काम जारी
सरकार सतही जल यानी नदियों, तालाबों और नहरों के पानी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग सुनिश्चित करना चाहती है. इसी दिशा में अब 21 नई लघु नहरें बनाने की योजना पर काम हो रहा है. इन नहरों को सौर ऊर्जा से चलाया जाएगा, जिससे बिजली की बचत भी होगी और सिंचाई भी नियमित रूप से हो सकेगी.
स्मार्ट सिंचाई प्रणाली से बदलेगी खेती की तस्वीर
अब खेतों में पानी देने के लिए स्मार्ट तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है. इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) तकनीक से नलकूपों और नहरों को मोबाइल फोन के जरिए दूर से ही चलाया और बंद किया जा सकेगा. इससे न सिर्फ पानी की बचत होगी बल्कि समय और लागत दोनों कम होंगे.
किसानों के लिए गेमचेंजर साबित होगी योजना
पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने ड्रिप इरिगेशन, स्प्रिंकलर और सोलर पंप जैसी योजनाएं भी चलाई हैं. अब यह नई योजना किसानों की सिंचाई समस्याओं का स्थायी समाधान बन सकती है. जानकारों के मुताबिक, यह योजना प्रदेश के किसानों की जिंदगी बदलने वाली साबित हो सकती है.
यह पूरा प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ और ‘हर खेत को पानी’ जैसे मिशनों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है. योजना के पूरे होते ही खेती की लागत घटेगी, पैदावार बढ़ेगी और किसानों की आय में बड़ा इजाफा देखने को मिलेगा.
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