लॉकडाउन में विवेक दहिया को लगी थी शराब की लत:बोले- हर रात पीने बैठता था, आदत की वजह से आने लगा था गुस्सा

by Carbonmedia
()

टीवी एक्टर विवेक दहिया ने लॉकडाउन में शराब की लत लगने का खुलासा किया। विवेक ने बताया कि पहले वह कभी ज्यादा नहीं पीते थे, लेकिन धीरे-धीरे यह आदत बन गई और इससे वह चिड़चिड़े और परेशान रहने लगे थे। शार्दुल पंडित से उनके यूट्यूब चैनल पर बातचीत विवेक ने बताया, “लॉकडाउन के दौरान असल में मेरे ऊपर ये बात तब असर करने लगी, जब मैंने पीना शुरू कर दिया। मैं कभी भी भारी शराब पीने वाला नहीं था। बहुत ही कैजुअल, पार्टी में कभी-कभी पीने वाला। कभी ऐसा नहीं हुआ कि ग्लास लेकर बैठ जाऊं और सोचूं कि दुनिया में बहुत गम है यार, चलो शराब पीते हैं।” विवेक ने आगे कहा, “मेरे पापा भी वैसे ही हैं, मतलब वो अच्छी जिंदगी, आरामदायक और थोड़ी लग्जरी वाली लाइफ पसंद करते हैं। उन्हें सलीका पसंद है। वो कहते थे, ‘जब भी तू अपना घर बनाएगा ना, चाहे अंदर कैसा भी हो, बार अच्छा दिखना चाहिए।’ उनका मतलब था कि जब तू ट्रैवल करेगा, तो चीजें इकट्ठा कर, एक अच्छा बार बनाना तो मैं और दिव्यांका जब भी ट्रैवल करते थे, हम लिमिटेड एडिशन बॉटल्स इकट्ठा करते थे। धीरे-धीरे एक सुंदर बार बन गया, लेकिन हम कभी ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते थे।” शराब पीने के चलते विवेक को गुस्सा आने लगा
विवेक ने कहा, “लॉकडाउन लग गया। एक दिन अचानक मैंने सोचा, ‘अगर मुझे कुछ हो गया, तो इन बॉटल्स का क्या होगा?’ ये तो सालों से इकट्ठा की हैं। कुछ मेरे पापा को जाएंगी, कुछ मेरे ससुर जी को, लेकिन क्या वो सबका इस्तेमाल कर पाएंगे? तो मैंने पीना शुरू कर दिया। फिर ये आदत बन गई। हर रात या एक रात छोड़कर मैं एक ग्लास लेकर बैठ जाता, कुछ कंटेंट देखता, कुछ गलत नहीं करता, लेकिन ये लाइफस्टाइल का हिस्सा बन गया और जब ये रोजमर्रा का हिस्सा बन जाता है, तो ये आपकी जिंदगी को बिगाड़ता है। आपकी नींद, आपकी सेहत, मेटाबॉलिज्म, वर्कआउट।” उन्होंने आगे कहा, “धीरे-धीरे गुस्सा और निराशा अंदर आने लगी। फिर मैंने एक पैटर्न नोटिस किया, ये वो इंसान नहीं था जो मैं बनना चाहता था। मैंने सोचा, लॉकडाउन तो एक दिन खत्म हो जाएगा, लेकिन अगर तब तक मैं एक शराबी बन गया तो? जब दुनिया नॉर्मल हो जाएगी और लोग काम पर लौटेंगे, मैं यहां बैठा रहूंगा, पेट बाहर और आंखों के नीचे काले घेरे के साथ। मैंने कहा कि नहीं यार, ये सब हटाना पड़ेगा। फिर मैंने कुछ थेरेपी सेशंस लिए। उनमें से एक हिस्सा था कि खुद के साथ वक्त बिताना, मेडिटेशन करना, ब्रीदिंग एक्सरसाइज करना, ध्यान लगाना। मुझे खुशी है कि मैंने ऐसा किया क्योंकि मैं अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और अनुशासित व्यक्ति हूं। “

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment