भास्कर न्यूज | अमृतसर शनिवार जिले में लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें 32 बैचों पर कुल 30270 में से 23799 केसों का निपटारा किया गया। लोक अदालत जिला अदालत, तहसील अजनाला और बाबा बकाला साहिब में लगाई गई। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमरिंदर सिंह गरेवाल की अगुवाई और सिविल जज अमरदीप सिंह बैस की देखरेख में अदालतें लगीं। लोक अदालत में दीवानी और फौजदारी केसों का निपटारा किया गया। इनमें चेक बाउंस, बैंक रिकवरी, जमीनी विवाद, घरेलू झगड़े और अन्य मामलों को शामिल किया गया। कुल 32 बेंचों में से जिला अदालत में 25, स्थायी लोक अदालत में एक, लेबर कोर्ट में एक, अजनाला में 3 और बाबा बकाला साहिब तहसील में 2 बेंच लगाए गए थे। पुलिस विभाग ने भी महिला काउंसलिंग सेल के जरिए पारिवारिक झगड़ों के निपटारे के लिए बेंच लगाए। एक केस में, साल 2023 में थाना महिला में धारा 376 आईपीसी और पोक्सो एक्ट की धारा 4 और 6 के तहत मामला दर्ज हुआ था। 15 जुलाई 2023 को शिकायतकर्ता (मां) और उसका पति काम पर गए थे। शाम को लौटने पर उन्हें पता चला कि आरोपी चाचा ने उनकी 5 साल की बेटी से दुष्कर्म किया। अदालत ने आरोपी को पोक्सो एक्ट की धारा 10 के तहत 20 साल की सजा सुनाई थी। जिला कानूनी सेवाएं प्राधिकरण ने पीड़िता को 1 लाख रुपए का मुआवजा दिलाया । एक अन्य केस में, साल 2020 में थाना मजीठा में यौन शोषण का मामला दर्ज हुआ। 21 दिसंबर 2020 को शिकायतकर्ता (पिता) घर पर था, तभी आरोपी उसकी बेटी को बहला-फुसलाकर भगा ले गया। अदालत ने आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई थी। पीड़िता को 2 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया। दूसरा मामला साल 2019 में थाना चाटीविंड का है, जहां यौन शोषण का मामला दर्ज हुआ था। 25 जुलाई 2019 को मां ने शिकायत दी कि उसकी बेटी के साथ एक व्यक्ति ने यौन शोषण किया था। अदालत ने आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई थी। पीड़िता को 5 लाख का मुआवजा दिलाया गया।
लोक अदालत : दुष्कर्म पीड़िता को एक लाख मुआवजा दिलाया
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