सुप्रीम कोर्ट ने NCISMC अध्यक्ष को हटाने से जुड़े हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक

by Carbonmedia
()

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (NCISMC) के अध्यक्ष की नियुक्ति रद्द करने संबंधी हाईकोर्ट के आदेश पर मंगलवार (10 जून, 2025) को रोक लगा दी. जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने वैद्य जयंत यशवंत देवपुजारी की ओर से दायर अपील पर आयोग और अन्य को नोटिस जारी किए.
देवपुजारी ने दिल्ली हाईकोर्ट के 6 जून के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें NCISMC के अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति के खिलाफ दो याचिकाएं स्वीकार की गईं. आयोग के वकील ने हाईकोर्ट को सूचित किया था कि अध्यक्ष के चयन और नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है, जिसके बाद उसने प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया था.
तत्कालीन भारतीय केंद्रीय चिकित्सा परिषद के पूर्व अध्यक्ष वेद प्रकाश त्यागी और डॉ. रघुनंदन शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने नौ जून, 2021 को एक परिपत्र जारी कर देवपुजारी को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया था.
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि देवपुजारी को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया जा सकता, क्योंकि उनके पास भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग अधिनियम, 2020 (NCISM अधिनियम) के तहत अनिवार्य स्नातकोत्तर डिग्री नहीं है.
हाईकोर्ट ने कहा था कि देवपुजारी के पास पीएचडी की डिग्री है, जबकि अपेक्षित डिग्री एमडी या भारतीय चिकित्सा पद्धति के किसी भी विषय में कोई अन्य समकक्ष मास्टर डिग्री है. हाईकोर्ट ने कहा था कि पुणे विश्वविद्यालय की ओर से उन्हें प्रदान की गई पीएचडी की डिग्री के लिए निम्न योग्यता (आयुर्वेद में मास्टर डिग्री) की आवश्यकता नहीं थी.
हाईकोर्ट ने कहा था कि देवपुजारी को आयुर्वेद में स्नातक (BAMS) करने के तुरंत बाद मास्टर डिग्री कोर्स किए बिना ही पीएचडी कोर्स में प्रवेश दे दिया गया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि स्नातक के बाद विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की गई प्रत्येक डिग्री को स्नातकोत्तर योग्यता नहीं कहा जा सकता, क्योंकि हमारे देश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ‘स्नातकोत्तर डिग्री’ का विशेष अर्थ और महत्त्व है और स्नातकोत्तर डिग्री का अर्थ है एमए, एमएससी, एमडी, एलएलएम या एमएड जैसी मास्टर डिग्री है.

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment