Himachal Pradesh Minister Chander Kumar: हिमाचल प्रदेश में इस्तीफे को लकर गरमाई सियासत अब ठंडी पड़ गई है. कृषि मंत्री चौधरी चंद्र ने पद से इस्तीफा नहीं दिया. उन्होंने खुद जानकारी दी है कि रिजाइन करने की नौबत नहीं आई, क्योंकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बातचीत करके मसला हल हो गया है.
मंत्री चंद्र कुमार ने बताया कि कुछ लोगों ने ट्रांसफर और एडजस्टमेंट को पेशा बना लिया है. सरकार को इसपर लगाम लगानी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में भी कार्यकर्ताओं ने ट्रांसफर को धंधा बनाकर रखा है.
मंत्री ने बताई बेटे के पोस्ट के पीछे की वजहचंद्र कुमार के बेटे नीरज भारती ने बुधवार (18 जून) को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा था कि उनके पिता चंद्र कुमार इस्तीफआ देने वाले हैं. बेटे द्वारा डाली गई पोस्ट को लेकर चंद्र कुमार के तेवर नरम नज़र आए. कृषि एवं पशुपालन मंत्री ने कहा है कि हिमाचल में बड़े स्तर पर ‘ट्रांसफर माफिया’ काम कर रहा है और शिक्षा विभाग में ट्रांसफर का पिंडौरा बॉक्स बन गया है.
मंत्री चंद्र कुमार ने कहा, “मेरे विधानसभा क्षेत्र में भी कुछ लोगों और कार्यकर्ताओं ने ट्रांसफर और एडजस्टमेंट को पेशा बना लिया है. इसपर नीरज भारती ने नाराजगी जताई और इस्तीफे की बात कही. हालांकि, इस्तीफा देने की जरूरत नहीं पड़ी और मुख्यमंत्री से बातचीत करके मामला सुलझा लिया है.”
ट्रांसफर पॉलिसी न बनने से नाराज मंत्रीचंद्र कुमार ने कहा कि हर विभाग में ट्रांसफर और एडजस्टमेंट का पेशा चल रहा है, लेकिन शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग में सबसे ज्यादा है. कुछ कार्यकर्ता इन ट्रांसफरों में शामिल होकर सरकार की छवि खराब कर रहे हैं. इसी को लेकर नीरज भारती ने नाराजगी जाहिर करते हुए अपनी बात कही है. कार्यकर्ता काम की बात न करके ट्रांसफर व एडजस्टमेंट लेकर आते हैं, जैसे उन्हें विधायक बनना हो. ट्रांसफर पॉलिसी बनाने की बात कई बार हुई, लेकिन सिरे नहीं चढ़ी.
केंद्र सरकार से भी जताई नाराजगीइस दौरान चंद्र कुमार ने केंद्र से 2023 की आपदा के लिए मिली 2006 करोड़ की राहत राशि को ‘ऊंट के मुंह में जीरे’ के समान करार दिया और कहा कि जितना नुकसान का आकलन हुआ है उसके मुकाबले कम राशि केंद्र सरकार से मिली है.
हिमाचल में ठंडी पड़ी इस्तीफे की सियासत, मंत्री चंद्र कुमार और सीएम सुक्खू में हुई सुलह, अब बताई नाराजगी की वजह
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