असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, GST को लेकर भड़के, विदेश नीति पर उठाए सवाल

by Carbonmedia
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हैदराबाद से लोकसभा में सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार (4 सितंबर,2025) को केंद्र सरकार की आर्थिक, सामाजिक और विदेश नीति पर कड़े सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में सबसे ज्यादा नुकसान राज्यों और आम जनता को हो रहा है, जबकि केंद्र सरकार तमाम जरूरी मुद्दों पर चुप्पी साधे बैठी है.
असदुद्दीन ओवैसी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में GST (वस्तु और सेवा कर) व्यवस्था की आलोचना करते हुए कहा, “जितने भी राज्य हैं, उन्हें केंद्र से मिलने वाला फंड कम होता जा रहा है. GST के जरिए आम और मध्यम वर्ग पर सबसे ज्यादा बोझ पड़ रहा है. यहां तक कि कूरियर सर्विस पर भी आज 18 परसेंट टैक्स लगाया जा रहा है, जिसे घटाने की जरूरत है. शारीरिक शिक्षा जैसे जरूरी क्षेत्र पर भी टैक्स बढ़ा दिया गया है. राज्यों को सेस का हिस्सा भी नहीं दिया जा रहा, जिससे उनकी माली हालत और खराब होती जा रही है.” उन्होंने कहा कि इनपुट मटीरियल पर लगने वाला टैक्स फिनिश्ड गुड्स से भी ज्यादा है, जो उद्योगों और निर्माण क्षेत्र के लिए नुकसानदायक है.
भारत की विदेश नीति पर ओवैसी ने उठाए सवाल
असदुद्दीन ओवैसी ने भारत की विदेश नीति को लेकर भी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, “अगर हम ‘वन इंडिया पॉलिसी’ को मजबूती से लागू नहीं कर पा रहे हैं तो फिर ‘वन चाइना पॉलिसी’ को क्यों मान रहे हैं? क्या यह दोहरा रवैया नहीं है?” उन्होंने यह भी पूछा कि अगर रूस से भारत की दोस्ती है, तो फिर पेट्रोल-डीजल के दाम क्यों नहीं कम हो रहे हैं?
ओवैसी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर साधा निशाना
ओवैसी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को निशाने पर लेते हुए कहा, “ट्रंप क्या दुनिया के सम्राट हैं जो सिर्फ यूक्रेन युद्ध पर बात करते हैं? गाजा में हो रहे जनसंहार पर क्यों नहीं बोलते? भारत को भी सिर्फ वर्बल सपोर्ट देने की जगह एक स्पष्ट नीति अपनानी चाहिए. इतिहास में भारत हमेशा सही के साथ खड़ा रहा है.”
उन्होंने कहा, “अगर भारत ने समय रहते ईरान से तेल खरीदना जारी रखा होता और अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे न झुका होता, तो आज हालात काफी अलग होते. तब ईरान हमें सस्ते दामों में तेल दे रहा था और वो भी रुपये में डील हो रही थी, जिससे भारत को बड़ा फायदा हो सकता था.”
ओवैसी ने समानता को लेकर सरकार की नीति पर दागे सवाल
ओवैसी ने सवाल उठाया कि भारत में हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाया जाता है, लेकिन कश्मीर मुक्ति दिवस क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि यह दोहरापन है और इससे सवाल खड़े होते हैं कि सरकार की नीति समानता पर आधारित है या नहीं. इसके साथ, उन्होंने मौलवी अलाउद्दीन और तुरेबाज खान जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की उपेक्षा पर भी नाराजगी जताई और मांग की कि ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों को भी राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिलना चाहिए.
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