AC Temperature for Health: गर्मी का मौसम आते ही ऑफिस, घर और गाड़ी में एसी ऑन हो जाता है. ठंडी हवा मिलते ही लगता है जैसे राहत मिल गई. लेकिन गलत तापमान पर चलने वाला एसी आपकी सेहत के लिए खतरा बन सकता है? कई बार हम ठंडी हवा के चक्कर में एसी का तापमान इतना कम कर देते हैं कि वो शरीर पर असर डालने लगता है. सिरदर्द, जकड़न, स्किन ड्रायनेस से लेकर सांस की दिक्कत तक, ये सब कुछ एसी की हवा का साइड इफेक्ट हो सकता है.
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एसी का सही तापमान क्या होना चाहिए?
जानकारी के अनुसार, एसी का तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए.
इससे न सिर्फ शरीर को आराम मिलता है, बल्कि बिजली की बचत और पर्यावरण की सुरक्षा भी होती है.
ज़्यादा ठंडा तापमान शरीर के नेचुरल थर्मल बैलेंस को बिगाड़ सकता है.
एसी की ठंडी हवा से होने वाली समस्याएं
सर्दी-खांसी और गले में खराश: बहुत ठंडी हवा श्वसन तंत्र पर असर डालती है, जिससे सर्दी या एलर्जी हो सकती है.
स्किन ड्रायनेस और खुजली: लगातार एसी में रहने से त्वचा की नमी खत्म हो जाती है.
सिरदर्द और आंखों में जलन: लंबे समय तक एसी में रहने से डीहाइड्रेशन हो सकता है, जिससे सिरदर्द और आंखों में जलन होने लगती है.
जोड़ों में अकड़न: खासकर बुजुर्गों और बच्चों में बहुत ठंडा वातावरण जोड़ों की समस्या बढ़ा सकता है.
कैसे करें एसी का सुरक्षित उपयोग
तापमान को 24 या 26 पर रखें
हर 2 घंटे में कमरे की खिड़की खोलकर ताजी हवा आने दें.
एसी की रेगुलर सफाई और सर्विसिंग कराएं ताकि धूल और फंगस जमा न हो.
सीधे एसी की हवा से बचें, सोते समय हवा शरीर पर सीधे न पड़े.
एसी गर्मियों में राहत तो देता है, लेकिन जरूरत से ज्यादा ठंडी हवा आपकी सेहत को धीरे-धीरे खराब कर सकती है. समझदारी यही है कि आराम और सेहत के बीच संतुलन बनाए रखा जाए. वरना आपको डॉक्टर की चक्कर काटना पड़ेंगे, साथ ही बीमार होने पर दवाइयां भी खानी पड़ सकती है. इसलिए खुद के स्वास्थ्य से बढ़कर कुछ नहीं है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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