एक व्यक्ति ने बेटे-बहू और उनके दो बच्चों को पक्के तौर पर कनाडा भेजने के लिए कस्बा बाघापुराना की ड्रीम बिल्डर्स इमिग्रेशन सर्विस के संचालकों से 1 करोड़ 86 लाख रुपए में डील की थी। पैसे मिलने के बाद इमिग्रेशन संचालक लगातार परिवार को टालमटोल कर रहा था। पुलिस ने शिकायत की जांच के बाद एक ही परिवार के 3 लोगों को नामजद किया है, जबकि एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। कस्बा निहाल सिंह वाला निवासी व्यापारी इंद्रजीत गर्ग ने 9 जून को दी लिखित शिकायत में बताया कि वह बेटे अभिनव गर्ग, बहू और उनके दोनों बच्चों को कनाडा में इन्वेस्टमेंट पॉलिसी के तहत पीआर लगवाना चाहता था। उन्होंने ड्रीम बिल्डर्स इमिग्रेशन सर्विस संचालक नवजोत बराड़ और उसकी पत्नी प्रितपाल कौर, पिता कुलदीप बराड़ से संपर्क किया। उन्होंने 1 करोड़ 75 लाख मांगे। उन्होंने अपनी मैसेज ग्लोबल ड्रीम बिल्डर के खाते से 3 मई, 2024 को नवजोत बराड़ की फर्म मैसेज ड्रीम बिल्डर्स के खाते में 26 लाख, 6 मई को 21 लाख, 2 सितंबर को 52 लाख, 6 सितंबर को 61 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। बाद में और 26 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए। इधर… 3 युवकों से ~28.50 लाख की ठगी होशियारपुर | 3 युवकों को विदेश भेजने के नाम पर 28 लाख 50 हजार रुपए की ठगी करने वाले 3 ट्रैवल एजेंटों पर मामला दर्ज किया गया है। गांव ढोलबाहा के सुरिंदर कुमार ने बताया कि बेटे विश्वजीत और गांव के सुरजीत सिंह ने बेटे विवेक को पुर्तगाल भेजने के लिए एजेंट राहुल डडवाल निवासी उस्मान शहीद और विकास कुमार निवासी दमवाल थाना मुकेरियां से संपर्क किया था। एजेंटों ने वादा किया कि दोनों को 2 माह में विदेश भेज देंगे। उन्होंने 25 लाख रुपए मांगे। सुरिंदर ने 13 लाख और सुरजीत ने 12 लाख एजेंटों को दिए। पैसे लेने के बाद एजेंटों ने लड़कों को विदेश नहीं भेजा और न पैसे लौटाए। एसएसपी ने मामले की जांच उप पुलिस कप्तान आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी। जांच में आरोप सही पाए गए। पुलिस ने राहुल और विकास को नामजद कर लिया है। इसी तरह गांव सैला खुर्द के नवी मोहम्मद ने बताया कि इटली जाने के लिए एजेंट भारती गिल निवासी मोहल्ला ऋषि नगर जालंधर से संपर्क किया। एजेंट ने 3.50 लाख रुपए एडवांस लिए। बाद में न विदेश भेजा और न पैसे लौटाए। जांच में भारती गिल दोषी पाया गया। पुलिस को तीनों एजेंटों की तलाश है। परिवार को एक साल तक टालता रहा ट्रैवल एजेंट पिता और पत्नी फरार, गिरफ्तारी के लिए छापेमारी पीड़ित ने बताया कि एक साल से ज्यादा समय बीत गया, पर ड्रीम बिल्डर्स इमिग्रेशन सर्विस के संचालकों ने बेटे-बहू का कनाडा का वीजा नहीं लगवाया। कई बार पैसे वापस मांगे, लेकिन उन्होंने टालमटोल किया। एसपी ने मामले की जांच डीएसपी निहाल सिंह वाला को सौंपी। जांच अधिकारी ने 3 दिन में जांच पूरी कर नवजोत बराड़, उसकी प|ी प्रितपाल कौर, पिता कुलदीप सिंह पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। वहीं, पुलिस ने आरोपी नवजोत बराड़ को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। सेंटरों पर पैसा लगाने वाले बेचैन… सूत्रों के अनुसार अब प्रदेश में कई इमिग्रेशन सेंटर जांच के घेरे में आ सकते हैं। इन सेंटरों पर मोगा समेत अन्य जिलों के दर्जनों लोगों के 32 करोड़ रुपए लगे हैं। अधिकांश लोगों ने अपने दो नंबर के यह पैसा लगाया है। पहले जहां उन्हें पैसे डूबने की आशंका थी और अब उन्हें डर सता रहा है कि कहीं पकड़े गए आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में उनका नाम लिया तो वह भी फंस जाएंगे। ऐ से में वे अब अपने ही पैसों पर दावा करने को कौन कहे, उनकी बेचैनी इस बात को लेकर बढ़ी है कि कहीं पुलिस की पूछताछ में आरोपी उनका नाम न उगल दे।
कनाडा में पीआर दिलाने का झांसा देकर दंपती से 1.86 करोड़ रु. ठगे, एजेंट अरेस्ट
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