कभी देखी है ऐसी कांवड़? भगवान-अल्लाह, येशु और गुरुनानक को साथ लेकर निकले पंजाब के ‘ईश्वर’

by Carbonmedia
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कांवड़ यात्रा के दौरान आपने एक से बढ़कर एक कांवड़ देखी होंगी, लेकिन क्या आपने कभी भोलेनाथ के साथ-साथ अल्लाह, वाहेगुरु और जीसस वाली कांवड़ देखी है? शायद नहीं.
“हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, आपस में भाई-भाई” यह नारा तो हम सभी ने सुना है, लेकिन पंजाब के पटियाला निवासी ईश्वर नाम के एक व्यक्ति ने इस नारे को अपनी कांवड़ में साकार कर दिखाया है.
“सर्व समाज” के आपसी भाईचारे की कांवड़ 
ईश्वर हरिद्वार से गंगाजल लेकर आ रहे हैं और उनके कंधे पर जो कांवड़ है, वह अनोखी है. इस कांवड़ पर जहां एक ओर भगवान भोलेनाथ की तस्वीर है, वहीं मुस्लिम समाज के धार्मिक चिन्ह भी दर्शाए गए हैं. इतना ही नहीं, इस अनूठी कांवड़ पर आपको वाहेगुरु और जीसस की तस्वीरें भी दिखाई देंगी.
इसके अलावा, ईश्वर ने कांवड़ पर विभिन्न जातियों और समुदायों के संतों की तस्वीरें भी लगाई हैं. ईश्वर की यह कांवड़ सिर्फ “सर्व धर्म” की झलक ही नहीं देती, बल्कि “सर्व समाज” के आपसी भाईचारे की एक जीवंत मिसाल बनकर सामने आई है.
कुछ लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं
इस कांवड़ को देखकर जहां कुछ लोग ईश्वर के इस प्रयास की सराहना कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं. खुद ईश्वर बताते हैं कि वे पिछले 15 सालो से इसी तरह की सर्व धर्म की प्रतीकात्मक कांवड़ लेकर आते हैं ताकि समाज में आपसी प्रेम और भाईचारा बना रहे.
वे कहते हैं कि कुछ लोग उनकी कांवड़ देखकर खुश होते हैं, तो कुछ विरोध भी करते हैं, लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. उनका मानना है कि सभी धर्मों और समाजों के लोगों को आपस में मिल-जुलकर रहना चाहिए. इसी भावना के साथ वे 15 सालों से कांवड़ यात्रा कर रहे हैं और भविष्य में भी करते रहेंगे.
कांवड़ यात्रा क्या है?
बता दें, कांवड़ यात्रा में हर साल श्रावण मास के दौरान करोड़ों श्रद्धालु दूर-दराज इलाकों से गंगाजल से भरी कांवड़ लेकर पैदल यात्रा करते हुए अपने गांव लौटते हैं. इसी यात्रा को कांवड़ यात्रा कहा जाता है. 

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