करनाल में खाद को लेकर किसानों का हंगामा:बोले-खेत में खड़ी धान को चाहिए खाद, नहीं मिली तो फसल हो जाएगी बर्बाद

by Carbonmedia
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करनाल जिले में खाद की कमी को लेकर किसानों में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है। इंद्री क्षेत्र के समौरा गांव की प्राथमिक कृषि सहकारी समिति लिमिटेड के बाहर रविवार को सात गांवों के किसानों ने खाद को लेकर बवाल काटा। किसानों का आरोप है कि सोसाइटी में खाद की पर्याप्त उपलब्धता होने के बावजूद भी उन्हें सिर्फ दो-दो कट्टे ही दिए जा रहे हैं, जबकि धान की फसल को सही समय पर खाद नहीं मिली तो पूरी फसल पर असर पड़ेगा। किसानों ने खाद वितरण में धांधली और सिस्टम की नाकामी पर भी सवाल खड़े किए हैं। खाद लेने पहुंचे थे किसान, दो-दो कट्टों पर भड़के
किसानों ने बताया कि वे सुबह से लाइन में लगे हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ दो-दो कट्टे ही दिए जा रहे हैं। जबकि किसी के पास 10 एकड़ जमीन है तो किसी के पास 20 एकड़, ऐसे में दो कट्टे खाद किसी काम के नहीं। किसान रणबीर सिंह, विवेक, दिलावर, राकेश, पुनीत, राम सिंह व अन्य ने बताया कि वे कई दिनों से खाद के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। किसानों का आरोप-खाद तो गोदाम में पड़ी है, पर नहीं दे रहे
किसानों ने कहा कि सोसाइटी के अंदर 800 से ज्यादा कट्टे खाद मौजूद हैं, लेकिन जब कर्मचारियों से मांग करते हैं तो एक ही जवाब मिलता है कि “सभी को बराबर देना है।” किसानों ने सवाल उठाया कि क्या बराबर बांटने के नाम पर जरूरतमंदों को भी दो ही कट्टे मिलेंगे? धान की फसल अब पक चुकी है और अगर समय पर खाद नहीं मिली तो उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा। किसानों ने लगाए धांधली के आरोप, बोले-कुछ लोग दूसरों के आधार कार्ड से ले रहे कट्टे
हंगामा कर रहे किसान रामकुमार, श्याम सिंह, सन्नी व शमशेर सिंह ने यह भी आरोप लगाए कि कुछ लोगों ने दूसरों के आधार कार्ड इकट्ठे कर रखे हैं और वे बार-बार लाइन में लगकर खाद के कट्टे ले रहे हैं। इससे असली किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। किसानों ने प्रशासन से इस पूरे सिस्टम की जांच कराने और जरूरतमंद किसानों को समय पर पर्याप्त खाद दिलवाने की मांग की है। खाद की देरी ने बढ़ाई परेशानी, किसानों का कहना-15 दिन पहले मिलनी थी खाद
प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि उन्हें यह खाद कम से कम 15 दिन पहले मिल जानी चाहिए थी। अब खेतों में फसलें पक चुकी हैं, पत्ते पीले पड़ रहे हैं। ऐसे में खाद का टोटा उनकी मेहनत पर पानी फेर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार हर बार कहती है कि खाद की कोई कमी नहीं है, लेकिन धरातल पर हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं। अधिकारियों के दावे हुए फेल, धरातल पर किसानों की हालत बेहाल
किसानों का कहना है कि कृषि विभाग बार-बार दावा करता है कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है, लेकिन समौरा गांव का यह मामला इन दावों की पोल खोलता है। अगर जल्द हालात नहीं सुधरे तो जिले के अन्य इलाकों में भी इसी तरह के विरोध देखने को मिल सकते हैं। किसानों ने साफ कहा कि यह लड़ाई उनकी रोज़ी-रोटी की है और वे खाद मिलने तक पीछे नहीं हटेंगे।

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