करनाल में मीट की दुकानों पर भड़के हिंदू संगठन:बजरंग दल और VHP ने की कार्रवाई की मांग, डीसी को सौंपा ज्ञापन, सावन में जताई आपत्ति

by Carbonmedia
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करनाल में सावन महीने की शुरुआत के साथ कावड़ यात्रा भी शुरू हो चुकी है। ऐसे माहौल में विश्व हिंदू परिषद् और बजरंग दल ने मीट की दुकानों को लेकर विरोध जताया है। दोनों संगठनों के कार्यकर्ता शुक्रवार को लघु सचिवालय पहुंचे और जिला उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि शहर में मीट की सभी दुकानें बंद करवाई जाएं। उनका कहना है कि कावड़ यात्रा के दौरान मीट दुकानों का खुले रहना कावड़ियों की आस्था का अपमान है। संयोजक बोले- कावड़ियों की श्रद्धा को ठेस पहुंच रही है
बजरंग दल के जिला संयोजक संदीप राणा ने कहा कि सावन का महीना धार्मिक आस्था से जुड़ा होता है। इस पवित्र माह में हजारों कावड़िये हरिद्वार से जल लेकर शिव मंदिरों तक यात्रा करते हैं। ऐसे में रास्ते में खुले मीट की दुकानें देखकर उनकी श्रद्धा को ठेस पहुंचती है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में इस महीने मांसाहार को पाप माना गया है, लेकिन करनाल में खुलेआम मीट की दुकानें संचालित हो रही हैं। अवैध दुकानों और बिना लाइसेंस के कारोबार का आरोप
वीएचपी के पदाधिकारी मिस्टर लांबा ने आरोप लगाया कि करनाल शहर में चल रहीं मीट की दुकानों के पास ना तो मुर्गा काटने का लाइसेंस है और ना ही बकरे काटने का। इसके बावजूद ये दुकानें धड़ल्ले से चल रही हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है या फिर अधिकारियों की मिलीभगत से रिश्वत लेकर यह सब हो रहा है। शमां काउंटर पर भी सवाल, हलाल मीट को लेकर जताई आपत्ति
उन्होंने करनाल में चल रहे ‘शमां काउंटर’ पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि इन काउंटरों पर कहीं भी स्पष्ट नहीं लिखा गया कि वहां हलाल मीट मिलता है। ऐसे में हिंदू समुदाय को भ्रमित किया जा रहा है। राणा ने कहा कि यह दुकानें हिंदू समाज को मूर्ख बनाने का एक तरीका बन चुकी हैं और शासन-प्रशासन इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। प्रशासन को चेतावनी, जल्द कार्रवाई की मांग
बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद् ने प्रशासन को चेताया है कि यदि जल्द मीट की दुकानों पर कार्रवाई नहीं हुई और धार्मिक आस्था का अपमान बंद नहीं हुआ, तो वे जन आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने मांग की है कि जब तक सावन और कावड़ यात्रा का दौर जारी है, तब तक सभी मीट दुकानों को बंद करवाया जाए और बिना लाइसेंस के दुकानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

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