ग्रेटर नोएडा के निवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. शहर के 16 प्रमुख सेक्टरों और गांवों में सामुदायिक केंद्रों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है, जिससे यहां के नागरिकों को सामाजिक, सांस्कृतिक और पारिवारिक आयोजनों के लिए अब जगह की कमी नहीं झेलनी पड़ेगी. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एन.जी. रवि कुमार की पहल पर यह महत्वाकांक्षी परियोजना आकार ले रही है, जिसके तहत कुल 16 सामुदायिक केंद्र बनाए जा रहे हैं. इनमें से 12 स्थानों पर निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है, जबकि शेष 4 स्थानों पर शीघ्र कार्य शुरू किया जाएगा. इस परियोजना पर लगभग 25 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं.
कई सुविधाओं से युक्त होंगे सामुदायिक केंद्रयह सामुदायिक केंद्र दो मंजिला बनाए जा रहे हैं, जिन्हें आधुनिक जरूरतों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है. इनमें ग्राउंड फ्लोर पर लॉबी, पार्टी हॉल, किचन, स्टोर रूम, एक मल्टीपर्पज रूम और महिलाओं एवं पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय होंगे. प्रथम तल पर लाइब्रेरी, लॉबी और फिर से जेंडर-सेपरेटेड टॉयलेट्स की व्यवस्था की गई है. इसके अतिरिक्त, प्रत्येक सामुदायिक केंद्र में लगभग 50 वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी.
इन क्षेत्रों में हो रहा है निर्माणअब तक जिन 12 क्षेत्रों में सामुदायिक केंद्रों का निर्माण आरंभ हो चुका है, उनमें ओमीक्रॉन वन ए, ज्यू वन, ज्यू टू, ज्यू थ्री, ईटा वन, जीटा वन, डेल्टा थ्री, सेक्टर 37, सेक्टर 36, पाई वन, स्वर्णनगरी और चिपियाना बुजुर्ग शामिल हैं. वहीं, सेक्टर-3, सिरसा, डाढ़ा और लुक्सर में प्रस्तावित सामुदायिक केंद्रों का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होने वाला है.
सीईओ के निर्देश पर सख्त निगरानीप्राधिकरण के सीईओ एन.जी. रवि कुमार ने परियोजना विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सामुदायिक केंद्रों का निर्माण कार्य तय समयसीमा के भीतर पूरा किया जाए ताकि स्थानीय निवासियों को आयोजन हेतु उपयुक्त स्थान जल्द से जल्द मिल सके. उन्होंने यह भी कहा है कि जिन क्षेत्रों में पहले से सामुदायिक केंद्र मौजूद हैं, लेकिन वे अब जर्जर अवस्था में हैं, वहां उनकी मरम्मत कर उन्हें पुनः उपयोगी बनाया जाए.
प्राधिकरण का उद्देश्य: हर नागरिक को मिले सुविधामहाप्रबंधक परियोजना एके सिंह के अनुसार, इन सामुदायिक केंद्रों का उद्देश्य शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लोगों को सामाजिक समावेश और सुविधा युक्त सार्वजनिक स्थल प्रदान करना है, जिससे वे अपने पारिवारिक, धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक कार्यक्रम बिना किसी असुविधा के आयोजित कर सकें.
इस प्रयास से ग्रेटर नोएडा में सामाजिक संरचना को और सशक्त बनाने में मदद मिलेगी, वहीं नागरिकों को आयोजन के लिए निजी स्थानों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. वर्ष के अंत तक इन सभी सामुदायिक केंद्रों के पूर्ण हो जाने की उम्मीद है.
यह पहल ग्रेटर नोएडा को एक आधुनिक, सुगठित और नागरिकों के लिए समर्पित स्मार्ट शहर की दिशा में एक और कदम के रूप में देखा जा रहा है.
ग्रेनो वासियों को मिलेगी सौगात, सेक्टरों और गांवों में बन रहे 16 सामुदायिक केंद्र
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