जम्मू कश्मीर में ईद-ए-मिलाद उन नबी की छुट्टी को लेकर विवाद गहरा गया है. उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन को ईद-ए-मिलाद उन नबी की छुट्टी को चांद के हिसाब से कैलेंडर के अनुसार नहीं बदलने को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.
इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, सरकारी प्रेस द्वारा छापे गए कैलेंडर में साफ तौर पर लिखा है, ‘चांद के दिखने पर’. इसका अर्थ है कि चांद दिखने के आधार पर छुट्टी बदल सकती है. गैर-निर्वाचित सरकार द्वारा जानबूझकर छुट्टी न बदलने का निर्णय अविवेकपूर्ण है और लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए किया गया है.
The calendar printed by the Government press is very clear – “Subject to the appearance of the moon”. It means that the holiday is subject to change depending upon the moon being sighted. The deliberate decision by the unelected government to not shift the holiday is… https://t.co/xaSz182waJ pic.twitter.com/rqYmHosFdK
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) September 5, 2025
वहीं जम्मू कश्मीर सिविल सोसाइटी फोरम (जेकेसीएसएफ) के अध्यक्ष अब कयूम वानी ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुएअत्यधिक आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व वाले इस पवित्र अवसर के प्रति सरकार के रवैये को ‘लापरवाह’ और ‘गंभीर न होने वाला’ बताया है.
‘ये लापरवाही दर्शाता है’
उन्होंने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि चांद के कैलेंडर के अनुसार ईद-ए-मिलाद शनिवार को पड़ने के बावजूद, सरकार उसी दिन अधिसूचना जारी करने में विफल रही. यह एक पवित्र दिन के प्रति लापरवाही को दर्शाता है जिसका लोगों के लिए गहरा महत्व है.” वानी ने प्रशासन से ऐसे अवसरों की पवित्रता बनाए रखने के लिए भविष्य में अधिसूचनाओं में उचित सावधानी और गंभीरता सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
ग्रैंड मुफ्ती ने भी जताई नाराजगी
इसी तरह की भावनाओं को दोहराते हुए, जम्मू-कश्मीर के ग्रैंड मुफ्ती, नासिर-उल-इस्लाम ने छुट्टी की अधिसूचना को चांद दिखाई देने के बाद स्पष्ठ करने में सरकार की विफलता पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने जोर देकर कहा कि जनता में भ्रम से बचने के लिए धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण तिथियों की घोषणा करते समय अधिक सटीकता और संवेदनशीलता की आवश्यकता है.
शिक्षा मंत्री ने की एलजी की आलोचना
इससे पहले, शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने भी उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले प्रशासन की आलोचना की. उन्होंने इस फैसले को अन्यायपूर्ण बताया और छुट्टी को शनिवार को स्थानांतरित करने के निर्वाचित सरकार के बार-बार अनुरोधों को अनदेखा करके लोगों की भावनाओं से खेलने का आरोप लगाया.