Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक फैशन डिजाइनिंग छात्रा से पार्ट टाइम नौकरी के नाम पर करीब 90 हजार की ठगी करने वाले एक इंटरस्टेट गिरोह गिरोह का पर्दाफाश किया है. दिल्ली पुलिस ने हरियाणा और राजस्थान में लगातार तीन दिन तक छापेमारी कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से 4 मोबाइल फोन, 5 सिम कार्ड और 2 पासबुक बरामद की गई हैं.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक पीड़िता सब्जी मंडी इलाके की रहने वाली है और एक फैशन डिजाइनिंग कोर्स कर रही है. उसे व्हाट्सएप पर एक पार्ट टाइम जॉब का मैसेज मिला जिसमें होटल्स और रेस्टोरेंट्स को रेटिंग देने के बदले पैसे कमाने का लालच दिया गया. पहले उसे छोटे-छोटे टास्क के बदले पैसे मिले जिससे विश्वास पैदा हुआ. बाद में टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर उससे कई किस्तों में करीब 90 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए और हर बार यह कहकर टाल दिया गया कि टास्क सही नहीं किया गया है.जब पीड़िता को ठगी का एहसास हुआ तब उसने साइबर पुलिस थाने में FIR दर्ज कराई.
दिल्ली पुलिस ने की अहम कार्रवाई दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज जांच में जुट गई. पुलिस टीम ने करीब 100 मोबाइल नंबरों की टेक्निकल जांच कर संदिग्ध लोकेशन को ट्रेस किया. 20 जून को हरियाणा के सोनीपत से अंशुल कुमार और संदीप को गिरफ्तार किया गया जो पहले और दूसरे स्तर के बैंक खाता धारक थे. इनकी निशानदेही पर 22 जून को राजस्थान के जोधपुर से राजेंद्र उर्फ राजू और रविंद्र बेड़ा उर्फ राकेश को गिरफ्तार किया गया.
दिल्ली पुलिस की पूछताछ में खुलासा दिल्ली पुलिस की पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने टेलीग्राम के जरिए बैंक अकाउंट की खरीद-फरोख्त का नेटवर्क बना रखा था. ये अकाउंट धारकों से 2 से 3 प्रतिशत कमीशन पर खाते खरीदते थे और साइबर ठगी में इस्तेमाल करते थे. आरोपी ठगे गए पैसों को बाद में क्रिप्टोकरेंसी USDT में बदलते थे. पुलिस ने पीड़िता के 30 हजार रुपये को होल्ड में डाल दिया है और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है.
दिल्ली पुलिस की जांच जारी दिल्ली पुलिस ने बताया कि यह गैंग तकनीक के माध्यम से मासूम लोगों को निशाना बना रहा था. फिलहाल दिल्ली पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है कि ऐसे इन लोगों ने और कितने लोगों को ठग चुके हैं.
दिल्ली में साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश, छात्रा को निशाना बनाकर 90 हजार लूटे
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