बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए सिर्फ 7 दिन बचे हैं. शुक्रवार (18 जुलाई, 2025) को जारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में अब तक 94.68 प्रतिशत गणना प्रपत्र प्राप्त हो चुके हैं. अब सिर्फ 41,10,213 या 5.2 प्रतिशत मतदाताओं के गणना प्रपत्र प्राप्त होने शेष हैं.
बिहार के 7,89,69,844 मतदाताओं में से 7,11,72,660 यानी 90.12 प्रतिशत ईएफ एकत्र किए जा चुके हैं. डिजिटाइज्ड किए गए गणना फॉर्म 6,85,34,743 या 86.79 प्रतिशत हैं. इनमें से 36,86,971 यानी 4.67 प्रतिशत मतदाता अपने पते पर नहीं मिले. वहीं 12,71,414 या 1.61 प्रतिशत मृत वोटर पाए गए.
स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाताओं की संख्या 18,16,306 या 2.3 प्रतिशत है. अब तक पहचाने गए एक से अधिक स्थानों पर नामांकित मतदाता 5,92,273 या 0.75 प्रतिशत हैं. जिन निर्वाचकों का पता नहीं चल पा रहा है, उनकी संख्या 6,978 या 0.01 प्रतिशत है. कुल सम्मिलित निर्वाचक 7,48,59,631 या 94.68 प्रतिशत हैं.
छूटे हुए नाम को शामिल करने के लिए मिलेगा समय
इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) एक अगस्त, 2025 को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित करेंगे. ड्राफ्ट मतदाता सूची में किसी भी एंट्री में सुधार के लिए सुझाव आमंत्रित करेंगे. राजनीतिक दलों और निर्वाचकों को सुधार या छूटे हुए नामों को शामिल करने का प्रस्ताव देने के लिए पूरे एक महीने का समय दिया जाएगा.
इसके लिए ड्राफ्ट मतदाता सूची की प्रिंटेड और डिजिटल कॉपियां राजनीतिक दलों को निशुल्क दी जाएंगी और आम जनता के लिए आयोग की वेबसाइट पर पोस्ट की जाएंगी. ऐसे में जनता निश्चिंत रहे कि कोई भी पात्र निर्वाचक नहीं छूटेगा.
ऐसे निर्वाचक, जिनकी संभवतः मृत्यु हो चुकी है, जो स्थायी रूप से निवास स्थान परिवर्तित कर चुके हैं, जो एक से अधिक स्थानों पर नामांकित हैं और जिनका पता नहीं चल पा रहा है, अथवा जिनसे बीएलओ के कई दौरों के बाद भी फॉर्म वापस नहीं मिला है, की लिस्ट अब राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों, उनकी ओर से नियुक्त बूथ लेवल एजेंटों के साथ भी साझा की जा रही है. कारण ताकि ऐसे प्रत्येक निर्वाचक की सही स्थिति की पुष्टि 25 जून से पहले की जा सके.
बिहार में SIR का काम कितना हुआ? 36 लाख से अधिक लोग अपने पते पर नहीं मिले, ताजा आंकड़ा देखें
2