भरतपुर में गोवर्धन परिक्रमा मार्ग पर डाली गई ब्रज की रेत, भक्तों के पैरों में नहीं पड़ेंगे छाले

by Carbonmedia
()

Bharatpur News: राजस्थान के भरतपुर जिले में भी गुरु पूर्णिमा पर्व की तैयारी जोरशोर से चल रही है. राजस्थान के भरतपुर जिले की सीमा उत्तर प्रदेश से लगी होने के कारण भरतपुर को भी ब्रज क्षेत्र ही माना जाता है.
ब्रज क्षेत्र में गोवर्धन पर्वत का अलग ही महत्व है. यूं तो 12 महीने देश-विदेश से लोग गोवर्धन की परिक्रमा देने आते है, लेकिन गुरु पूर्णिमा पर गोवर्धन पूजा का अलग ही महत्व माना जाता है. 
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के गोवर्धन कस्बे में मुड़िया पूर्णिमा का लक्खी मेला 4 जुलाई से शुरू हो गया है. गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा लगाने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु गोवर्धन पहुंच रहे हैं.
21 किलोमीटर की गोवर्धन परिक्रमा मार्ग का डेढ़ किलोमीटर का एरिया राजस्थान के डीग जिले में आता है. गोवर्धन लक्खी मेले को देखते हुए डीग प्रशासन लगातार मेले की तैयारियों की जुटा हुआ है. परिक्रमा लगाने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसके लिए डेढ़ किलोमीटर के क्षेत्र में यमुना नदी से लाकर रेत बिछाई गई है.
क्या कहना है संभागीय आयुक्त का 
संभागीय आयुक्त टीना सोनी ने बताया कि मेले को देखते हुए मैंने डीग जिले में आने वाले परिक्रमा मार्ग का निरीक्षण किया. डेढ़ किलोमीटर के परिक्रमा क्षेत्र में भूरा रेत बिछी हुई थी. जो बारिश के बाद कीचड़ में तब्दील हो सकती थी. इसके अलावा धूप में वह काफी गर्म हो जाती है. जिसके बाद मैंने डीग प्रशासन को भूरा रेत की जगह यमुना नदी की रेत डालने के निर्देश दिए थे. डीग प्रशासन ने परिक्रमा मार्ग में यमुना नदी की रेत डाल दी है. जिससे परिक्रमा लगाने आने वाले लोगों को परेशानी नहीं होगी.
क्या कहना है परिक्रमार्थी श्रद्धालुओं का 
परिक्रमा लगाने आये श्रद्धालु मनोज ने बताया कि डीग जिले में आने वाले परिक्रमा मार्ग में भरतपुर संभागीय आयुक्त के निर्देश के बाद ब्रज की रेत डाली गई है. जिसके बाद से परिक्रमा लगाने वाले लोगों को काफी आसानी हो रही है. इससे परिक्रमा लगाने वाले लोगों के पैर में छाले नहीं पड़ेंगे. यह डीग जिला प्रशासन की एक अच्छी पहल है.
क्या कहना है PWD अधिकारी का 
PWD के XEN गोविंद सिंह मीणा ने बताया कि डीग जिले में आने वाले डेढ़ किलोमीटर के  परिक्रमा मार्ग में यमुना नदी की रेत बिछाई गई है. यह रेत मथुरा से मंगवाई गई है. इसकी खासियत है कि बारिश होती है तो, इस रेत में कीचड़ नहीं बनती बल्कि और भी ज्यादा सॉफ्ट हो जाती है. धूप में ज्यादा गर्म नहीं होती. इससे परिक्रमा लगाने वाले लोगों को आराम मिलेगा.
इसे भी पढ़ें: उदयपुर फाइल्स के खिलाफ आगे आए मुस्लिम संगठन, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने कहा- ये फिल्म…

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment