भिवानी में बोली बॉक्सर पूजा बोहरा-बदलेंगी मेडल का रंग:ओलिंपिक तक की रणनीति साझा की; अभी वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी

by Carbonmedia
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वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में सिल्वर मेडल विजेता पूजा बोहरा अब ओलिंपिक के लिए जुटेंगी। उनका कहना है कि अभी वे ओलिंपिक तक अपने आपको देखना चाहती हूं। इसके लिए स्टैप-टू-स्टैप चलेंगी और आने वाली प्रतियोगिताओं में भाग लेंगी। वहीं पूजा बोहरा ने दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए कहा कि वे अपनी स्ट्रेंथ पर फोकस करके अपने खेल को निखारेंगी और मेडल का रंग भी बदलेंगी। बता दें कि कजास्तिान में 30 जून से 6 जुलाई तक आयोजित वर्ल्ड बाक्सिंग कप का आयोजन किया गया था। जिसमें पूजा बोहरा ने रजत पदक जीता। जिन्होंने पहला मुकाबला होस्ट टीम कजाकिस्तान के साथ खेला और 4-1 से बाउट जीती। वहीं सेमीफाइलन मुकाबला 4 बार की वर्ल्ड मेडलिस्ट को हराकर जीता। गोल्ड मेडल जीतकर पूजा बोहरा भिवानी अपने घर पहुंची। वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में सिल्वर मेडल जीतने वाली बॉक्सर पूजा बोहरा से बातचीत
पत्रकार : यहां तक पहुंचने तक का सफर कैसा रहा?
पूजा बोहरा : 2009 में मैंने बॉक्सिंग शुरू की थी। स्टार्टिंग में मैंने यूथ नेशनल खेला, उसके बाद 8 बार सीनियर चैंपियन बनी। 2 बार एशियन चैंपियन, एशियन गेम्स में भी मेडल जीता। वर्ल्ड चैंपियनशिप भी खेली और 2020 ओलिंपिक में क्वार्टर फाइनल तक पहुंची। 16 साल का काफी लंबा समय हो गया है।
पत्रकार : बॉक्सिंग की तरफ शुरुआत कैसे हुई और बॉक्सिंग को ही क्यों चुना?
पूजा बोहरा : मेरा बिल्कुल मन नहीं था कि मुझे गेम भी करना है। मेरे कोच संजय श्योराण की पत्नी ने देखा कि हाइट अच्छी है और बॉक्सिंग कर सकती है। उस समय इतना बॉक्सिंग में नहीं था। उनको लगा कि हाइट अच्छी है और इसे बॉक्सिंग में लेकर आना चाहिए। वहां से बॉक्सिंग की शुरुआत की। पत्रकार : जिस समय बॉक्सिंग शुरू की उस समय खेलों की तरफ बेटियों को बहुत कम बढ़ावा मिलता था। परिवार का क्या सहयोग रहा और आसपास का माहौल कैसा रहा?
पूजा बोहरा : स्टार्टिंग में परिवार की तरफ से कोई सपोट नहीं था। समाज वाले भी कुछ-कुछ बोलते रहते थे। जितने रिश्तेदार थे, वे भी खुश नहीं थे। मेरे पिता को भी बॉक्सिंग पसंद नहीं थी। उन्होंने बोला था कि गेम कर सकती है, लेकिन बॉक्सिंग पसंद नहीं था। लेकिन जैसे-जैसे मेरी अचीवमेंट आने लगी तो सभी मेरे फेवर में हो गए।
पत्रकार : परिवार को पसंद नहीं था, तो आपने बॉक्सिंग कैसे चुना, क्या आपका पसंदीदा खेल था?
पूजा बोहरा : कोच की पत्नी की वजह से खेलना शुरू किया था। बाद में यह हो गया था कि मुझे इसमें अच्छा करना है। जब परिवार सहयोग करने लगी तो मैंने काफी इम्प्रूव भी किया। मैन विद-इन 6 मंथ में मेडल जीत लिया था।
पत्रकार : अब रजत पदक जीतने का सफर कैसा रहा?
पूजा बोहरा : अभी कजाकिस्तान में जो वर्ल्ड बॉक्सिंग कप हुआ, उसमें पहला मैच होस्ट टीम कजाकिस्तान के साथ हुआ था। मैंने वह भी जीता और सेमीफाइनल बाउट टर्की के साथ थी। वर्ल्ड चैंपियन की 4 बार की विजेता को हराकर सिल्वर मेडल जीता। पत्रकार : गोल्ड मेडल से चुकने में क्या कमियां रही। उनको पूरा करने के लिए क्या किया जाएगा?
पूजा बोहरा : फाइनल में मैच अस्ट्रेलिया के साथ था। जैसा मैं सोचकर गई थी, वैसा मैं नहीं खेल पाई। जो भी कमियां थी, वे आगे आने वाले टाइम में वर्ल्ड चैंपियनशिप होनी है। उसमें पूरा करूंगी।
पत्रकार : आगे का क्या लक्ष्य लेकर चल रहे हैं?
पूजा बोहरा : अभी सितंबर में वर्ल्ड चैंपियनशिप होनी है। उसकी तैयारी कर रही हैं।
पत्रकार : एक खिलाड़ी के लिए ओलिंपिक खेलना सबसे बड़ा सपना होना है। पहले भी ओलिंपिक खेल चुकी हैं। आगे ओलिंपिक को लेकर क्या तैयारी करेंगी और आपने क्या बदलाव किया है?
पूजा बोहरा : अभी वर्ल्ड चैंपियनशिप है, मेरा मैन फोकस उसी पर है। इसके बाद अगले साल कॉमनवेल्थ गेम होने हैं। फिर एशियन गेम में ओलिंपिक का क्वालीफाई रहेगा और हम स्टैप-टू-स्टैप चलेंगे।
पत्रकार : अब रजत पद जीता है, आगे पदक का रंग बदलने के लिए खेल में क्या बदलाव देखने को मिलेगा?
पूजा बोहरा : मैं अपनी स्ट्रेंथ पर और ज्यादा वर्क करूंगी। वर्ल्ड चैंपियनशिप होने मे अभी 2 महीने हैं। उसमें मैं जरूर अपने पदक का रंग चेंज करूंगी। पत्रकार : अब तैयारी कैसे करती हैं और दूसरी बेटियों को क्या कहना चाहेंगी?
पूजा बोहरा : जिसका जिस भी चीज में इंटरेस्ट है, चाहे वह शिक्षा है या खेल में हैं। मैं गेम का ही बोलूंगी, गेम में अनुशासन और स्थिरता के साथ करना होगा। ऐसा नहीं है कि आते ही आपको सोचने लग जाओ कि अभी स्टार्ट किया और अभी इसका रिजल्ट आ जाए। आपको नियमित लगे रहना होगा, तभी मेडल जीत पाएंगे।
पत्रकार : आपका करीब 16 साल का संघर्ष रहा है, आगे खेल को लेकर क्या कहना चाहेंगी?
पूजा बोहरा : अभी मैं ओलिंपिक तक अपने आपको देखना चाहती हूं। इसके लिए स्टैप-टू-स्टैप चल रही हैं।
पत्रकार : ओलिंपिक को लेकर अपने खेल और अभ्यास में क्या बदलाव करेंगी?
पूजा बोहरा : जो गेम होता होता है उसमें अकेले ट्रेनिंग ही नहीं होती। ट्रेनिंग भी, रिकवरी भी और डाइट भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ये तीनों चीज मिलकार अपना कर सकते हैं। बॉक्सिंग मारधाड़ का गेम हैं। मेडल टफनस भी इसमें होना जरूरी है।
पत्रकार : अब परिवार का कैसा सहयोग मिल रहा है?
पूजा बोहरा : फिलहाल मैं ज्यादातर ससुराल में रहती हूं। मेरे पति और सास का काफी सहयोग रहता है। जो डाइट चाहिए या रेस्ट चाहिए कोई भी डिस्टरबेंस नहीं होती। मुझे सब मिलता है।

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