मध्य प्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव: इंदौर में सीएम मोहन यादव करेंगे रियल एस्टेट और टूरिज्म सेक्टर के निवेशकों से संवाद

by Carbonmedia
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 11 जुलाई को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर, इंदौर में “मध्य प्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव” में होटल इंडस्ट्री, पर्यटन, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों के निवेशकों से संवाद करेंगे. इस उच्चस्तरीय आयोजन में देशभर के संबंधित सेक्टर्स के निवेशकों, उ‌द्योगपतियों, कॉर्पोरेट प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है.
कॉन्क्लेव में देशभर से 1500 से अधिक उद्‌द्योगपति, रियल एस्टेट, होटल इंडस्ट्री और टूरिज्म सेक्टर से जुड़े प्रतिनिधि, निवेशक आदि शामिल होंगे. आयोजन के दौरान एक भव्य प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. आयोजन में क्रेडाई, होटल इंडस्ट्री, टूरिज्म, नगर निगम, आईडीए, स्मार्ट सिटी, मैट्रो, हुडको, एलआईसी, हाउसिंग बोर्ड आदि की व्यापक भागीदारी रहेगी.
प्रदर्शनी में इनसे संबंधित योजनाएं व प्रोजेक्ट्स प्रदर्शित किए जाएंगे. यह कॉन्क्लेव प्रदेश में शहरी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. आयोजन से इंदौर और मध्य प्रदेश को निवेश का नया आयाम मिलेगा.
निवेश और विकास के प्रमुख क्षेत्रप्रदेश में विकास और निवेश शहरी परिवहन (मेट्रो, ई-बस, मल्टीमॉडल हब), किफायती आवास, स्लम पुनर्विकास, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, जलापूर्ति, सीवेज नेटवर्क, झील संरक्षण, डिजिटलीकरण, ई-गवर्नेंस, भवन स्वीकृति प्रणाली और स्वच्छ ऊर्जा, हरित भवन, रिन्यूएबल इनफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है. निवेशक इन क्षेत्रों में निवेश कर भविष्य में होने वाले लाभ के सहभागी हो सकते हैं.
“नेक्स्ट होराइजन: बिल्डिंग सिटीज़ ऑफ टुमारो” की थीम पर आधारित यह कॉन्क्लेव मध्य प्रदेश को भविष्योन्मुखी शहरी अधोसंरचना, सतत विकास, और व्यापक निवेश के लिए एक मंच प्रदान करेगा. इंदौर और उज्जैन सहित कई शहरों के बेशकीमती भूखंडों का प्रेजेंटेशन भी होगा जो निवेशकों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा जिससे निवेश की अनगिनत  संभावनाओं को नए पंख लगेंगे. मध्य प्रदेश में विशेषकर इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर जैसे टियर-2 और टियर-3 शहरों में शहरी विस्तार की जबरदस्त संभावनाएं हैं. यहां सस्ती ज़मीन, प्रशिक्षित श्रमिक और बेहतर लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी जैसे कारक निजी निवेश को आकर्षित कर रहे हैं.
हाउसिंग सेक्टर में बेहतर निवेश की संभावनाप्रदेश में हाउसिंग सेक्टर में निवेश की अच्छी संभावना है. अफोर्डेबल हाउसिंग में 8 लाख 32 हजार से अधिक किफायती आवास तैयार किये जा चुके है. प्रदेश में 10 लाख नए आवास तैयार किये जा रहे है. इनमें 50 हजार करोड़ रूपये का निवेश होगा. रियल इस्टेट की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये प्रदेश में मानव संसाधन की गुणवत्तापूर्ण वर्क फोर्स उपलब्ध है. 
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 6 हजार किलोमीटर सड़क, 80 प्रतिशत शहरी क्षेत्र में पाईपलाइन वॉटर सप्लाई कवरेज की सुविधा और शत् प्रतिशत शहरी क्षेत्र सीवरेज सिस्टम उपलब्ध है. नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय निकायों में 23 सेवाएं ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराई गई है. नगरीय निकायों में सेन्ट्रलाईज पोर्टल के माध्यम से मंजूरी दी जा रही है. प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी 17 हजार 230 योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है. 
शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ पर्यावरण के लिये 2 हजार 800 करोड़ और वॉटर फ्रंट से संबंधित डेव्हलपमेंट में 2 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है. प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में सुगम परिवहन व्यवस्था के विस्तार के लिये 21 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाएं संचालित हैं. वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और पेट्रोलियम ईंधन के कार्बन फुट-फ्रंट रोकने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है. प्रदेश के बड़े शहरों में 552 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है. प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी- 2025 लागू की गई है.

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