हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद की ओर से, एनसीआरएफ व एनएचईक्यूएफ में वर्णित दिशा-निर्देशों को, स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के स्तर पर 2025-26 से पूर्णतया लागू किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय इन बदलावों के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सभी प्रावधानों के क्रियान्वयन के मोर्चे पर अग्रणी विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित हो गया है। इन बदलावों के लागू होने से नवाचार को बढ़ावा मिलेगा व श्रमशक्ति की उत्पादता व उपयोगिता भी न सिर्फ देश बल्कि वैश्विक मंच पर बढ़ेगी। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार ने कहा कि 30 जून, 2025 को हुई शैक्षणिक परिषद की 40वीं बैठक में विश्वविद्यालय में लागू एनईपी-2020 के अंतर्गत सत्र 2025-26 में एनसीआरएफ, एनएचईक्यूएफ के अनुरूप स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में बदलाव को मंजूरी दे दी गई है। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा सभी पाठ्यक्रमों में एनसीआरएफ, एनएचईक्यूएफ के दिशा-निर्देशों के अनुरूप निर्धारित बदलावों को नए सत्र से लागू किया जा रहा है। इनमें प्रमुख रूप से भारतीय ज्ञान परम्परा व सतत विकास के लक्ष्यों का प्राथमिकता के साथ समाहित किया गया है।
विश्वविद्यालय द्वारा लागू व्यवस्था के माध्यम से विद्यार्थियों को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, मल्टिपल एंट्री व एग्जिट, प्रायोगिक तथा बहुविकल्पीय अध्ययन के अवसर उपलब्ध रहेंगे। विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद की ओर से मंजूर बदलावों से शैक्षणिक अध्ययन, कौशल विकास, वोकेशनल व प्रायोगिक अध्ययन के साथ-साथ व्यावहारिक व प्रोफेशनल स्तर पर आवश्यक अनुभव अर्जित करने का अवसर मिलेगा। विश्वविद्यालय के समकुलपति प्रो. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि नए बदलावों के बाद हकेवि देश भर में एनसीआरएफ, एनएचईक्यूएफ के दिशा-निर्देशों को पूर्णतया लागू करने वाला अग्रणी विश्वविद्यालय बन गया है। उन्होंने कहा कि अवश्य ही इन बदलावों के परिणाम स्वरूप शैक्षणिक कौशल के साथ-साथ विद्यार्थियों में पेशेवर कौशल के संयोजन का मार्ग प्रशस्त होगा।
महेंद्रगढ़ में युवाओं के शैक्षणिक विकास में अग्रसर हकेवि:भारतीय ज्ञान परम्परा व सतत विकास के उद्देश्य भी सभी पाठ्यक्रमों में समाहित
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