यूपी में आयुष्मान भारत योजना में बड़ा घोटाला! 6,239 लोगों के नाम पर निकाल लिए करोड़ों

by Carbonmedia
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UP News: आयुष्मान भारत योजना में बड़े घपले का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि करीब 10 करोड़ रुपये का घोटाला 39 अस्पतालों के 6239 लाभार्थियों के नाम पर किया गया. घपला करने वाले जालसाजों ने मरीजों के नाम पर फर्जी भुगतान कर रकम हड़प ली. यह सारा मामला 1 मई 2025 से 22 मई 2025 तक के बीच हुआ. जांच में पता चला कि महज 22 दिनों में नौ करोड़ 94 लाख रुपये की यह रकम फर्जी तरीके से अस्पतालों को ऑनलाइन ट्रांसफर की गई.
इस पूरे घपले का खुलासा तब हुआ जब आयुष्मान योजना के तहत भुगतान की जिम्मेदारी संभालने वाली एजेंसी ‘साचीज’ के नोडल अधिकारी डॉ. बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने हजरतगंज थाने में इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई. रिपोर्ट में कहा गया है कि एजेंसी के ओएसडी, मैनेजर और लेखाधिकारी की ईमेल आईडी का दुरुपयोग कर यह घपला किया गया.
जानकारी के मुताबिक, अशोक मार्ग स्थित नवचेतना केंद्र बिल्डिंग में एजेंसी का दफ्तर है. आयुष्मान भारत योजना के तहत कार्डधारकों के इलाज का खर्च सरकार वहन करती है. इसके लिए अस्पतालों को भुगतान राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के पोर्टल के जरिए ऑनलाइन किया जाता है. आमतौर पर अस्पताल अपने खर्च का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड करते हैं. इसके बाद साचीज के अधिकारी जांच कर ऑनलाइन संस्तुति देते हैं. फिर लेखाधिकारी और सीईओ के हस्ताक्षर से भुगतान की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाती है. इसके बाद बैंक से अस्पतालों को भुगतान हो जाता है.
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इंस्पेक्टर ने क्या बताया?मगर इस बार जांच में पाया गया कि एजेंसी के सीईओ, वित्त प्रबंधक और लेखाधिकारी की लॉग इन आईडी से छेड़छाड़ कर फर्जी भुगतान कर दिया गया. इस घपले की जानकारी होने के बाद हजरतगंज थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की गई है. इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि एजेंसी की जांच में यह साफ हो गया है कि अस्पतालों को जो पैसा मिला, वह एजेंसी की ओर से नहीं भेजा गया था. जालसाजों ने एजेंसी के सिस्टम का गलत इस्तेमाल कर रकम हड़प ली. पुलिस ने बताया कि अभी इस मामले में कई लोगों से पूछताछ होनी बाकी है और घपला करने वालों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.
बताते चलें कि आयुष्मान भारत योजना को गरीब और जरूरतमंद लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने के लिए 2018 में शुरू किया गया था. इस योजना का मकसद हर जरूरतमंद को बिना किसी परेशानी के इलाज मिल सके. लेकिन अब इस तरह के घोटाले योजना पर सवाल खड़े कर रहे हैं. सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच तेज कर दी गई है. उम्मीद है कि जल्द ही दोषियों को पकड़कर सजा दी जाएगी.

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