अमेरिका द्वारा लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)को विदेशी आतंकवादी संगठन और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) की सूची में शामिल किए जाने के फैसले के बाद शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल का बयान सामने आया है।
उन्होंने इस फैसले को एक सराहनीय लेकिन देरी से उठाया गया कदम बताया है। विनय नरवाल उन 26 नागरिकों में शामिल थे, जिनकी 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मौत हुई थी। इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी। सरकार की कूटनीति लाई रंग, दुनिया ने मानी बात
राजेश नरवाल ने अमेरिका के इस फैसले को भारत सरकार की प्रभावी कूटनीति का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि हमारे देश ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के मुद्दे को मजबूती से उठाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अन्य नेताओं ने लगातार सभी देशों को आतंक के खिलाफ एकजुट किया।
शायद उसी का असर है कि अमेरिका ने भी टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित किया। हो सकता है कि उन्होंने पहले जांच-पड़ताल की हो और फिर यह फैसला लिया हो। यह एक प्रशंसनीय कदम है। ऑप्रेशन सिंदूर से नहीं, पहलगाम हमले से जुड़ा यह फैसला
जब राजेश नरवाल से पूछा गया कि क्या TRF को लेकर अमेरिकी फैसला ‘ऑप्रेशन सिंदूर’ की प्रतिक्रिया में है, तो उन्होंने कहा कि जहां तक मेरी व्यक्तिगत राय है, इस फैसले को ऑप्रेशन सिंदूर से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। यह फैसला पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत की सख्त कूटनीति का असर है। हमले के बाद सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इसे मजबूती से उठाया, और अमेरिका को भी मजबूरन इस पर एक्शन लेना पड़ा। शहीद का दर्जा देने की उठी मांग, पिता बोले- फैसला सरकार का मान्य होगा
शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग भी तेजी से उठ रही है। सोशल मीडिया से लेकर समाचार पत्रों तक इस मांग को समर्थन मिल रहा है। इस पर राजेश नरवाल ने संयमित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सरकार का जो भी निर्णय होगा, वह हमें मान्य होगा।
लेकिन एक बात जरूर कहना चाहूंगा कि पहलगाम की घटना कोई आम हादसा नहीं था, यह एक सोची समझी आतंकी साजिश थी। मेरे बेटे ने उसमें शहादत दी है, पीएम मोदी ने भी कहा था कि ‘Any act of terrorism will be treated as act of war’, तो यह एक युद्ध था और उसमें विनय ने देश के लिए बलिदान दिया। इसलिए शहीद का दर्जा बनता है। आतंकवाद वैश्विक समस्या, मिलकर ही खत्म होगा खतरा
बातचीत के अंत में राजेश नरवाल ने कहा कि आतंकवाद सिर्फ किसी एक देश की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की समस्या है। उन्होंने सभी देशों से एकजुट होकर आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की अपील की। उनका मानना है कि जब तक सभी देश मिलकर आतंक के खिलाफ एक साथ खड़े नहीं होंगे, तब तक इस वैश्विक खतरे को जड़ से मिटाना मुश्किल होगा।
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता का TRF को लेकर बयान:बोले अमेरिका ने देर से ही सही, पर सही कदम उठाया, पहलगाम आतंकी हमले में बाद लिया फैसला
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