उत्तर प्रदेश में विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान मंगलवार 12 अगस्त 2025 को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने फतेहपुर में मकबरे पर हुई तोड़फोड़ का मुद्दा उठाया. समाजवादी पार्टी के नेता द्वारा मुद्दा उठाने के बाद जवाब देने के क्रम में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने उन्हें मौजूदा स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि किन धाराओं में एफआईआर हुई है और कितने लोगों का नाम प्राथमिकी में है.
इस दौरान खन्ना ने उन 10 आरोपियों का नाम पढ़ने की बात कही. विधानसभा में खन्ना ने कहा कि 10 लोगों के नामजद हैं. 11वां 150 लोग अज्ञात.हम नाम पढ़े दे रहे हैं… इसी दौरान सीएम योगी ने उनसे कहा- नाम मत पढ़िए. यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल है.
अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस वीडियो को शेयर करते हुए तंज कसा है. यूपी के पूर्व सीएम ने लिखा- जब मुख पर ‘मुख्य’ ही पाबंदी लगा रहे हैं, तो सत्य कैसे सामने आएगा.
जब मुख पर ‘मुख्य’ ही पाबंदी लगा रहे हैं, तो सत्य कैसे सामने आएगा॥ pic.twitter.com/0WHYtyXOyI
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 12, 2025
कौन हैं आरोपी, जिनका नाम FIR में?
विधानसभा में उप्र सरकार के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दे पर सदन में जवाब देते हुए कहा, ‘इस मामले से सरकार का किसी भी तरह से कोई संबंध नहीं है. हम इस बात का पूरी तरह से खंडन करते हैं.’ उन्होंने कहा कि फतेहपुर कोतवाली में 11 अगस्त की शाम को 10 लोगों के खिलाफ नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है और कानून अपना काम करेगा. खन्ना ने कहा कि जो भी कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा, उसको न्यायिक प्रक्रिया के तहत दंड जरूर मिलेगा.
बता दें फतेहपुर मामले में पुलिस ने जिन 10 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है उसमें- धर्मेंद्र सिंह (बजरंग दल नेता), अभिषेक शुक्ला (भाजपा नेता), अजय सिंह (जिला पंचायत सदस्य), देवनाथ धाकड़ (भाजपा नेता), विनय तिवारी (नगर पालिका सभासद), पुष्पराज पटेल, रितिक पाल और प्रसून तिवारी (भाजपा) और पप्पू चौहान (पूर्व समाजवादी पार्टी नेता) शामिल हैं.