हरियाणा के सोनीपत जिले के राई ब्लॉक में सरपंच एकता विकास समिति में बड़ी दरार उभर कर सामने आई है। ब्लॉक की सरपंच समिति दो गुटों में बंट गई है। नई समिति के गठन का ऐलान करते हुए नया प्रधान भी चुन लिया गया। हालांकि, पुरानी समिति ने इसे अवैध और असंवैधानिक करार दिया है। इस घटनाक्रम से राई ब्लॉक की सियासत गरमा गई है। नई समिति का गठन, सेरसा की सरपंच रेणु बनीं प्रधान
राई ब्लॉक कार्यालय में शुक्रवार को बुलाई गई बैठक में नई सरपंच एकता विकास समिति का गठन किया गया। इसमें सर्वसम्मति से गांव सेरसा की सरपंच रेणु शर्मा को नया प्रधान चुना गया। इस मौके पर उनके पति सुरेंद्र को प्रतीक रूप से पगड़ी पहनाई गई, जो नई समिति की कमान सौंपे जाने का प्रतीक माना गया। नई समिति का बहुमत का दावा, 22 सरपंचों का समर्थन
नई समिति ने दावा किया कि राई ब्लॉक के कुल 41 गांवों में से 22 गांवों के सरपंच उनके साथ हैं और उन्होंने समर्थन पत्र भी सौंपे हैं। नई समिति ने गठन के बाद विधायक कृष्णा गहलावत से उनके निवास पर जाकर मुलाकात की और उन्हें विश्वास में लिया। विधायक ने नई कार्यकारिणी को शुभकामनाएं देते हुए विकास कार्यों में जुटने की सलाह दी। पुरानी समिति का विरोध, वैधता पर उठाए सवाल
इस घटनाक्रम के बाद पुरानी सरपंच एकता विकास समिति के प्रधान बिल्लू खेड़ी दहिया (सरपंच रीना के ससुर) ने नई समिति को अवैध बताते हुए कहा कि उनके पास अभी भी पूर्ण बहुमत है और वही वास्तविक प्रधान हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ सरपंचों को गुमराह कर उनके हस्ताक्षर लिए गए हैं और नियमों को ताक पर रखकर नई समिति बनाई गई है, जिसे वह मान्यता नहीं देंगे। ब्लॉक स्तर पर बढ़ी खींचतान, प्रशासन की चुप्पी सरपंच समिति के इस विभाजन से राई ब्लॉक में पंचायत स्तर पर खींचतान बढ़ गई है। दोनों पक्ष बहुमत का दावा कर रहे हैं और प्रशासन की ओर से अब तक कोई स्पष्ट रुख सामने नहीं आया है। ऐसे में आने वाले दिनों में स्थिति और गरमा सकती है।
सोनीपत के राई ब्लॉक की सरपंच समिति में फूट:रेणु शर्मा बनीं नई प्रधान; 22 सरपंचों के समर्थन का किया गया दावा
3
previous post