देशभर में स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणाम जारी होने के बाद सिरसा शहर के हालातों की भी हकीकत सामने आ गई है। अब तक कांग्रेस और बीजेपी में स्वच्छता को लेकर जुबानी जंग ही चल रही थी। मगर अब कागजों में भी सिरसा की स्वच्छता में रैकिंग गिर गई है। इसका खुलासा स्वच्छता सर्वेक्षण की रिपोर्ट में हुआ है। इस पर नगर परिषद के चेयरमैन वीर शांति स्वरूप से सीधे दो टूक बातचीत की। चेयरमैन वीर शांति स्वरूप ने दैनिक भास्कर को खास बातचीत में बताया कि सिरसा शहर स्वच्छता में पिछड़ने का कारण ही निर्माणाधीन कार्य और स्ट्रांग वाटर सहित प्रोजेक्ट है। इनका काम पूरा होने के बाद ही सिरसा का विकास दिखेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह सिरसा की आबादी या एरिया बढ़ा है, जिसके मुकाबले कर्मचारी कम हो गए। सरकार से कर्मचारियों की मांग करेंगे। स्ट्रांग वाटर का काम पूरा होने के बाद सभी टूटे हुए रोड नया व रिपेयर कराने का काम करेंगे। जिससे शहर की सफाई दिखे और सही लगे। यह यह 100 करोड़ का प्रोजेक्ट है। इसके दो ट्रम पूरे हो गए हैं। तीसरा ट्रम बाकी है। सेंटर के तहत शीर्ष नेतृत्व में इसे सौगात के रूप में दिया था। गोपाल कांडा जी इसे लेकर आए थे। पिछले साल से रैंकिंग में आई कमी दरअसल, इस बार सिरसा की रैंकिंग में प्रदेश स्तर पर भी भारी गिरावट आई है। बकायदा हर माह सफाई प एक करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। ओवरऑल रैंकिंग में सिरसा 55 अंकों की गिरावट के साथ 269 से 324 पर पहुंच गया है। अगर हरियाणा प्रदेश की बात करे तोd पिछले साल से 14वें रैंक से गिरकर अब 38वें रैंक पर आ गया है। चेयरमैन वीर शांति स्वरूप से सिरसा की रैंकिंग गिरने और विकास पर सीधा बातचीत सवाल : सिरसा की रैंकिंग गिरने के कारण, कहां चूक रही ? जवाब : एक तो स्ट्रांग वाटर का काम चल रहा है। इससे सफाई होने के बावजूद स्वच्छता नजर नहीं आ रही। दूसरा सिरसा की आबादी और एरिया बढ़ी है। इसके मुकाबले स्टाफ कम है। शहरए जो कच्चा नजर आ रहा है, इसका कारण यह बड़ा प्रोजेक्ट स्ट्रांग वाटर है। एक जो अड़चन आती है, वो पब्लिक हेल्थ की है, वह सही ढंग से काम नहीं करते। उनकी पेयजल व सीवरेज लाइन है, वो सही से काम नहीं करते। पब्लिक हेल्थ को नगर परिषद के अंतर्गत लेने के लिए डीसी से बात हुई थी। अभी पब्लिक हेल्थ में नए एक्सईएन आए है, जिन्होंने बंद या ब्लॉक लाइन को ठीक कराया है। इसे ठीक कराने को पंजाब से टीम बुलाई है। सवाल : स्लम एरिया या इंडट्रीज भी नहीं रिपोर्ट में शून्य, फिर भी ऐसा ? जवाब : ऐसा कुछ नहीं है। जहां पर रैंकिंग की बात कर रहे हैं। अब भी ग्रीन जोन में हैं। हरियाणा में फतेहाबाद के बाद सेकेंड नंबर पर है। कुछ लोग कुड़ा डाल देते हैं और बाद में उसकी फोटो डालकर भेज देते हैं या सोशल मीडिया पर कुछ लिख देते हैं। बाकी शहरों से सिरसा बहुत अच्छा है। सवाल : घरों से सफाई के नाम पर करोड़ रुपए खर्च, कहां जा रहा कचरा, उसका समाधान ? जवाब – शहर में सफाई के लिए दो कंपनियां काम कर रही है। एक डिंगमैन पावर कंपनी पंपों पर कचरा शिफ्टिंग का काम करती है और दूसरी कंपनी पूजा घरों से कचरा उठाने का काम करती है। दोनों कंपनियों पर हर माह एक करोड़ पांच लाख रुपए खर्च आता है। सवाल : शहर में जो हालात है, जगह-जगह गड्ढे, गाड़ियां धंस गई, इसके इस बार वीडियो वायरल, उन पर क्या करेंगे जवाब : अब तीन दिन बारिश हुई। खुद मैं ऑपरेशन करवाने के बावजूद फील्ड में गया। 10 लोगों की टीम बनाई हुई है। टीम के साथ जाकर पानी निकलवाने का काम किया। एक-दो जगह स्ट्रांग पानी की वजह से रूक गया था तो उस पानी को निकलवाने का काम किया। कहीं गाड़ी धंसी तो उसे निकलवाने का काम किया। वहां तुरंत मिट्टी डलवा सही करवाया। धंसने का कारण ही स्ट्रांग वाटर का चल रहा काम है। सवाल : स्ट्रांग वाटर प्रोजेक्ट में ढिलाई है, इस पर तेजी लाने काे क्या करेंगे। जवाब : इस काम में तेजी आई है। टेंडर की अवधि डेढ साल की है। छह माह काम को हुए है, और तेजी के लिए ठेकेदार व सुपरवाइजर से बात की है। यह काम पूरा होने के बाद सिरसा का विकास दिखेगा। सवाल : नगर परिषद में क्या मैनपावर या बजट की कमी दर्शा रही जवाब : 24 तारीख को विकास को लेकर हाउस की मीटिंग है, उसी में चर्चा होगी। करीब 400 पक्के व कच्चे कर्मचारी मिलाकर है। सवाल : रैंकिंग सुधार पर क्या करेंगे जवाब : जब यह स्ट्रांग वाटर का काम पूरा हो जाएगा। इस पर पेचवर्क या नई सड़क बनाने के बाद विकास नगर आएगा। इसके लिए टेंडर लगाया हुआ है। ग्रीन जोन या बेल्ट का टेंडर हुआ है, उसकी सुरक्षा करेंगे। हरियाली के लिए नए पौधे लगाएंगे। अप्रुवड हुई कॉलोनियों में भी विकास तेजी से होगा। लाइट को भी ठीक कराया जाएगा।
स्वच्छता में सिरसा की गिरी रैंकिंग पर चेयरमैन बोले:स्ट्रांग वाटर के चलते सफाई नहीं दिख रही, कांग्रेस-बीजेपी की जुबानी जंग, हकीकत कुछ ओर
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