हरियाणा में PHE विभाग में टेंडर घोटाला:42 अधिकारियों-कर्मचारियों को चार्जशीट किया; विभागीय जांच शुरू होगी, बिना ऑनलाइन कर दिए वर्क ऑर्डर

by Carbonmedia
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हरियाणा के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHE) में टेंडर प्रक्रिया में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। सिविल कामों में अनियमितता मिलने पर विभाग के 42 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को चार्जशीट कर दिया गया है। मामला रोहतक जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHE) से जुड़ा हुआ है। जनस्वास्थ्य आभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा ने बताया कि अब इन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ अब विभागीय जांच होगी। कैबिनेट मंत्री गंगवा ने कहा कि सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है। किसी भी प्रकार की ना तो कामकाज में लापरवाही बर्दाश्त की जाएगी और ना ही भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शा जाएगा। टेंडर प्रक्रिया में की गई गड़बड़ी रोहतक जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHE) के संबंध में सरकार को शिकायत मिल रही थी कि नियमों को अनदेखा करते हुए सिविल कार्य करवाएं जा रहे हैं। टेंडर प्रक्रिया में भारी अनियमितताओं को बरता जा रहा है। जिसके बाद सरकार की तरफ से इसकी जांच करवाई गई। कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि जांच में कई तथ्य सामने आए हैं, उनके आधार पर इस बाबत निर्देश देते हुए कार्रवाई की सिफारिश की गई है। बिना ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया के दिए गए वर्क ऑर्डर जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि विभिन्न विकास कार्यों के वर्क ऑर्डर बिना ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया के जारी किए गए हैं। इससे एक तरह से न केवल नियमों की अनदेखी सामने आई है, बल्कि सरकारी खजाने को भी नुकसान हुआ। विभागीय वित्तीय नियमों (DFR) के विरुद्ध जाकर कथित इमरजेंसी कार्य घोषित कर ऑफलाइन कोटेशन पर काम करवाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार ये अनियमितताएं उस अवधि में हुई जब सम्बंधित एक अधीक्षण अभियंता (एसई) और कार्यकारी अभियंता (एक्सीएन) कार्यरत थे। ना पहले थे इस प्रकार के काम और ना बाद में ​​​​​​​हैरानी की बात यह है कि जांच में सामने आया है कि पहले के अधिकारियों के कार्यकाल में इस प्रकार के काम ऑफलाइन कोटेशन पर नहीं हुए थे, वहीं इन अधिकारियों के कार्यकाल में एकदम से ऑफलाइन वर्क आर्डर जारी हुए। इनमें रोहतक सब डिवीज़न, सांपला सब डिवीज़न और महम सब डिवीज़न सहित अन्य क्षेत्र शामिल हैं। कुछ ठेकेदारों को एक ही दिन में 10 से अधिक काम सौंपे गए, वह भी सभी कार्य सीमा के पास-पास, जिससे यह भी संकेत मिलता है कि यह वर्क आर्डर जानबूझकर विभाजित कर नियमों को दरकिनार किया गया है। इस पूरे मामले में न केवल अधीक्षण अभियंता और कार्यकारी अभियंता, बल्कि संबंधित सब डिवीजनल इंजीनियर (SDE) और जूनियर इंजीनियर (JE) तक की भूमिका जांच के दायरे में है। कैबिनेट मंत्री ने कहा होगी सख्त कार्रवाई मामले के सामने आने पर कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने सीधे तौर पर कहा है कि इस मामले में संलिप्त अधिकारियों के विरुद्ध तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके अलावा सेवानिवृत्त हो चुके अधिकारियों पर भी पेंशन नियमों के तहत कार्रवाई होगी। टेंडर प्रणाली को और मजबूत करने के भी उनकी तरफ से निर्देश दे दिए गए हैं। साथ ही, भ्रष्टाचार में शामिल ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने को भी कहा गया है। कैबिनेट मंत्री गंगवा ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार कर रही हैं, किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा।

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