₹300 से ₹3 आया जेपी एसोसिएट्स का शेयर:अब अडाणी ग्रुप कंपनी को खरीद रहा, बड़े-बड़े प्रोजेक्ट बनाने वाली कंपनी कैसे हुई दिवालिया

by Carbonmedia
()

अडाणी ग्रुप ने जयप्रकाश एसोसिएट्स को खरीदने के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई है। इस खबर के सामने आने का बाद आज जेपी पावर के शेयर में 15% से ज्यादा कि तेजी है। वहीं जेपी एसोसिएट्स के शेयर में 5% का अपर सर्किट लगा है। जयप्रकाश एसोसिएट्स को कभी भारत की बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट कंपनियों में गिना जाता था। लेकिन आज ये कंपनी भारी कर्ज के बोझ तले दबकर दिवालिया प्रक्रिया में फंस चुकी है। आइए, इस पूरे मामले को सवाल-जवाब के जरिए समझते हैं… सवाल 1: जेपी एसोसिएट्स क्या करती है और मुसीबत में कैसे फंस गई? जवाब: 1995 में बनी जेपी एसोसिएट्स रियल एस्टेट, सीमेंट, पावर, हॉस्पिटैलिटी और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टरों में काम करती थी। दिल्ली-नोएडा जैसे शहरों में इसके जेपी विशटाउन जैसे बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स थे। लेकिन कंपनी ने अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से भारी-भरकम कर्ज लिया। बात तब बिगड़ी, जब कंपनी इन कर्जों का ब्याज और किस्तें चुकाने में नाकाम रही। प्रोजेक्ट्स में देरी, मार्केट में मंदी, और मैनेजमेंट की कुछ गलतियां भी इसकी वजह बनीं। आखिरकार, 3 जून 2024 को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की इलाहाबाद बेंच ने कंपनी को दिवालिया प्रक्रिया में भेज दिया। फरवरी 2025 में कंपनी पर ₹55,493.43 करोड़ रुपए का कर्ज था। 2007 में इसे कंपनी के शेयर का भाव 300 रुपए के करीब था। आज ये 3 रुपए के करीब ट्रेड कर रहा है। सवाल 2: ये दिवालिया प्रक्रिया क्या होती है? जवाब: आसान भाषा में कहें तो, जब कोई कंपनी अपने कर्ज नहीं चुका पाती, तो उसे दिवालिया घोषित किया जाता है। इसके बाद इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत एक प्रक्रिया शुरू होती है, जिसमें कंपनी को या तो बचाने की कोशिश की जाती है या फिर उसकी संपत्तियां बेचकर कर्जदाताओं को उनका पैसा लौटाया जाता है। जेपी एसोसिएट्स के मामले में भी यही हुआ। कंपनी को बचाने के लिए कई कंपनियों ने बोली लगाई, ताकि इसे खरीदकर इसका बिजनेस फिर से पटरी पर लाया जा सके। सवाल 3: जेपी एसोसिएट्स को खरीदने की रेस में और कौन-कौन हैं? जवाब: अडाणी ग्रुप इस रेस में सबसे आगे चल रहा है। खबरों के मुताबिक अडाणी ने 12,500 करोड़ रुपए की बोली लगाई है, जिसमें से 8,000 करोड़ रुपए का एडवांस पेमेंट देने का वादा भी किया है। अडाणी ग्रुप को लगता है कि जेपी के सीमेंट, रियल एस्टेट और पावर सेक्टर के प्रोजेक्ट्स उनके बिजनेस को और मजबूत कर सकते हैं। खासकर नोएडा जैसे इलाकों में जेपी के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करके अडाणी बड़ा फायदा उठा सकते है। अडाणी ग्रुप के अलावा कई और बड़ी कंपनियां भी इस रेस में थीं। इनमें अनिल अग्रवाल की वेदांता, डालमिया भारत सीमेंट, जिंदल पावर, और पीएनसी इन्फ्राटेक शामिल हैं। सवाल 4: जेपी के कर्ज का क्या होगा? जवाब: जेपी एसोसिएट्स पर करीब ₹55 हजार करोड़ का कर्ज है। अगर अडाणी ग्रुप इसे ₹12,500 करोड़ में खरीदता है, तो कर्जदाताओं को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। सवाल 5: आम लोगों पर इसका क्या असर होगा? जवाब: जेपी एसोसिएट्स के कई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स, खासकर नोएडा में, अधूरे पड़े हैं। हजारों लोग, जिन्होंने जेपी के फ्लैट्स में पैसा लगाया था, पजेशन का इंतजार कर रहे हैं। अगर अडाणी ग्रुप कंपनी को खरीदता है, तो उम्मीद है कि वो इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करेगा, जिससे होमबायर्स को राहत मिल सकती है। सवाल 6: जेपी के शेयरों का क्या हाल है? जवाब: जेपी एसोसिएट्स के शेयरों की बात करें तो इनकी हालत काफी खराब रही है। जेपी एसोसिएट्स के शेयर अभी भी ट्रेडिंग रेस्ट्रिक्टेड हैं, यानी इनकी खरीद-बिक्री पर पाबंदी है। इसका प्राइस 3 रुपए के आस-पास है। दूसरी तरफ जेपी ग्रुप की दूसरी कंपनी जयप्रकाश पावर वेंचर्स के शेयरों में 7 जुलाई को 15% से ज्यादा की तेजी आई है। ये 22 रुपए के पार कारोबार कर रहा है। पिछले एक महीने में इसमें 25% से ज्यादा की तेजी आई है। इसका मार्केट कैप 15 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। सवाल 7: अब आगे क्या होगा? जवाब: अभी जेपी एसोसिएट्स की दिवालिया प्रक्रिया चल रही है। 1 जुलाई 2025 को हुई एक मीटिंग में सभी बोलियों का मूल्यांकन किया गया, जिसमें अडाणी की बोली सबसे मजबूत रही। अब जल्द ही फाइनल डिसीजन लिया जाएगा। अगर अडाणी ग्रुप इसे खरीद लेता है, तो वो जेपी के बिजनेस को अपने तरीके से चलाएगा। साथ ही, शेयर बाजार में जेपी पावर जैसे स्टॉक्स पर भी नजर रहेगी, क्योंकि निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ रही है।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment