20 साल बाद पंजाब के सबसे बड़े रेस्लिंग हॉल की रेनोवेशन शुरू, पीयू मैटिंग के बाद शुरू होगा रूफटॉप का काम

by Carbonmedia
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भास्कर न्यूज | जालंधर जिले के सबसे बड़े रेस्लिंग हॉल की रेनोवेशन शुरू की गई है। हॉल के अंदर पीयू मैटिंग का काम शुरू कर दिया गया है। करीब 20 दिन बाद नया फ्लोर लगाने का काम शुरू होगा। उससे पहले पीडब्ल्यूडी की तरफ से भी छत रिपेयर करने के साथ सेनिटेशन, बास्केटबॉल ग्राउंड की डेवलपमेंट को लेकर टेंडर लगाया गया है। इस सारे काम पर करीब 80 से 90 लाख रुपए खर्च किए जा रहे है। इसके बाद जिले को सबसे बड़ा और बेहतरीन रेस्लिंग हॉल मिलेगा, जिसमें नेशनल स्तर के मैच भी करवाए जा सकेंगे। क्योंकि इस समय हॉल की रेनोवेशन न होने से पूरी तरह से खस्ताहाल हॉल और मैट के चलते खिलाड़ियों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। करीब 20 साल से मांग थी कि रेस्लिंग हॉल की रेनोवेशन की जाए, आखिरकार इसका काम अब शुरू किया गया है। पंजाब का सबसे बड़ा सरकारी रेस्लिंग हॉल करीब 90 के दशक में बनाया गया था, क्योंकि जालंधर में रेस्लिंग का कल्चर काफी ज्यादा था। यहां पर अखाड़ों के माध्यम से रेस्लिंग के साथ युवाओं को जोड़ने का कल्चर आज भी चल रहा है। अकाली-भाजपा सरकार में एक बार छत की रिपेयर करवाई गई थी। पीयू मैटिंग का काम शुरू कर दिया गया है, जिसका बेस तैयार होने के बाद करीब 20 दिनों तक लगातार इसे पानी दिया जाएगा। फिर नई फ्लोरिंग का काम शुरू होगा और इसी हफ्ते पीडब्ल्यूडी का टेंडर भी खुलेगा। अलॉटमेंट के बाद सैनेटरी और छत का काम शुरू होगा। इसके अलावा बास्केटबॉल स्टेडियम के रेनोवेशन का काम भी इसी टेंडर में भी किया जाएगा। टेबल टेनिस में भी बेस वर्क पूरा हो चुका है। रेनोवेशन से पहले खाली किया रेस्लिंग हॉल। हंसराज स्टेडियम के इस रेस्लिंग हाल से अलग-अलग इंटरनेशनल स्तर पर करीब 2 दर्जन से ज्यादा खिलाड़ी हैं। इनमें मुख्य रूप से स्वर्गीय देवानंद कोच, एसएसपी जगजीत सिंह सरोया, रणजीत सिंह कोच, दौलत सिंह, भूपिंदर ठाकुर, प्रेम वीर, गुरविंदर भट्टी जैसे दिग्गज खिलाड़ी यहीं पर खेलते रहे हैं। साल 2016 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में सिल्वर मेडलिस्ट मनवीर सिंह भी इसी सेंटर के खिलाड़ी हैं। खेलो इंडिया गेम्स में भी लगातार दो साल से जालंधर में इसी सेंटर का एक खिलाड़ी पार्टिसिपेट कर रहा है। सेंटर में इंटरनेशनल रेसलर रणजीत सिंह खिलाड़ियों को कोचिंग दे रहे हैं। 15 से 20 साल पहले बाहरी राज्यों से खिलाड़ी भी यहां पर प्रेक्टिस करते रहे हैं लेकिन ध्यान न देने से लगातार खिलाड़ियों की संख्या कम होती गई, रेनोवेशन के बाद संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

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