90 टेंडरों के वर्कऑर्डर को एफएंडसीसी की मीटिंग अगले हफ्ते

by Carbonmedia
()

शुभेंदु शुक्ला | अमृतसर निगम हाउस की मीटिंग के साढ़े 3 माह बाद 85 वार्डों में 90 टेंडरों के वर्कऑर्डर को लेकर एफएंडसीसी कमेटी की मीटिंग अगले हफ्ते बुलाने की तैयारी अंदरखाते चल रही है। टेंडरों के वर्कऑर्डर के लिए 6 मेंबरी कमेटी के पास मता जाएंगे। ओएंडएम-सिविल विभाग से 60 तरह के कामों के लिए मता तैयार कर एजेंडा ब्रांच को भेजा जा चुका है। जिसमें सभी काउंसलर के वार्डों में 10-10 लाख के मेंटेनेंस कार्य होंगे। पार्षद सड़कों, गलियों और अन्य तरह के काम वार्ड की जरूरत के हिसाब से करवा सकेंगे। कांग्रेस सरकार के समय जारी हो चुके मार्केट डेवलपमेंट फंड (एमडीएफ) 25-25 लाख रुपए से 4-5 बड़े कामों के अलावा 50 लाख तक के टेंडर भी शामिल किए हैं। ओएंडएम विभाग की ओर से नए ट्यूबवेल, डिसिल्टिंग जैसे कामों को लेकर मता भेजा गया है। वहीं सिविल विभाग की तरफ से सड़कें-पार्क व अन्य कार्य शामिल हैं। फिलहाल, 30 तरह के टेंडर वर्क के लिए मता तैयार कराया जाना है जो 15 जुलाई सोमवार तक पूरा कर लिया जाएगा। लिस्ट फाइनल होने के बाद जल्द ही डेट फिक्स कर दी जाएगी। गौर हो कि बीते 29 मार्च को निगम हाउस की पहली मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें 100 से अधिक टेंडर लगाए जाने को लेकर मंजूरी मिली थी लेकिन एफएंडसीसी कमेटी की मंजूरी बिना वर्कऑर्डर नहीं हो सकता। इसलिए शहर में विकास कार्य लटके पड़े हैं। बता दें 18 दिन पहले 27 जून को कांग्रेसी पार्षदों ने निगम कमिश्नर से मुलाकात कर शहर के विकास कार्यों पर चर्चा कर 7 दिन में निगम हाउस की मीटिंग बुलाने का अनुरोध किया था। मगर भरोसा मिलने बावजूद अभी तक हाउस की मीटिंग बुलाए जाने को लेकर मुहर नहीं लग पाई है। .वार्डों में पैच वर्क-सीवरेज व अन्य छोटे विकास कामों के लिए 3 तरह के काम करवाने को लेकर हलका वाइज 5.25 करोड़ रुपए खर्च थे। यानि कि एक हलके के लिए 1.05 करोड़ खर्च होने थे। इन डवलपमेंट कामों को 3 तरीके कामों में बांटा गया था। जल आपूर्ति लाइन बदलने व अन्य मरम्मत के लिए 35-35 लाख रुपए से विकास काम होने हैं। इसी तरह सीवरेज लाइन बदलने, मैनहोल और सीवर की सफाई के लिए उतने ही रकम लगनी है। . 750 ट्विन बिन खरीदने के लिए 47.19 लाख रुपए तो 20 हजार डॉग्स स्टरलाइजेशन-वैक्सीनेशन को 3.19 करोड़ रुपए की टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं कराई जा सकी है। शहर के लिए सबसे अहम बॉयोरेमिडेशन के लिए 55 करोड़ रुपए का टेंडर डेढ़ साल के लिए और ट्रांसपोर्टेशन के लिए 310 करोड़ का टेंडर 15 साल और सेनिटेशन के लिए 7 करोड़ का टेंडर 1 साल के लिए लगाया जाना था जो प्रक्रियाधीन ही चले आ रहे। . 85 वार्डों में 10-10 हजार रुपए के छोटे टेंडर लगाए जाने थे, वह तक सिरे नहीं चढ़ पाए हैं।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment