भास्कर न्यूज| जींद सिविल अस्पताल और अन्य निजी अस्पतालों में मौसम में बदलाव होने के कारण बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। पिछले 4 दिनों लगभग 500 से अधिक मरीजों की जांच हुई। शुक्रवार को 120 मरीज ओपीडी में पहुंचे। मरीजों को बुखार के साथ छाती में जकड़न की शिकायत हो रही है। सांस लेने में तकलीफ, बुखार, एलर्जी, आंखों में जलन, गले में खराश जैसी समस्याएं आ रही हैं। उधर, अस्पताल में मरीजों को पेन किलर, पेट में जलन, खांसी का सिरप, एंटीबॉयोटिक सहित अन्य दवाओं की भारी कमी है। लोग बाहर से महंगे दामों पर दवाएं खरीदने को मजबूर हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मौसम में बदलाव के कारण मरीजों की संख्या बढ़ी है। जहां सामान्य दिनों में बुखार की आपीडी 60 से 70 रहती थी, अब वहीं 120 पहुंच गई है। लगभग 40 फीसदी ओपीडी में बढ़ोतरी हुई है। अस्पताल प्रशासन का ध्यान दवा की कमी पर नहीं है। मरीजों को निजी मेडिकल से दवा खरीदनी पड़ रही है। वार्ड 2 निवासी संजय को दो दिन से बुखार है। उसने डॉक्टर से जांच करवाई। डॉक्टर ने पांच दिन की दवा लिखी। अस्पताल से उसे सभी दवाइयां नहीं मिलीं। पेन किलर और पेट में जलन की दवा बाहर से खरीदनी पड़ी। ये दवाएं महंगे दाम पर मिलीं। मरीज ने कहा कि सरकारी अस्पताल में जरूरी दवाएं नहीं मिलना परेशानी बढ़ा रहा है। संतनगर की रहने वाली महिला सुदेश को देर रात तेज बुखार हो गया। शुक्रवार को वह अस्पताल पहुंची। डॉक्टर ने चेकअप किया। कुछ दवाएं लिखीं। लेकिन अस्पताल में उसे खांसी का सिरप नहीं मिला। महिला को बाहर से दवा खरीदनी पड़ी। ^ सिविल अस्पताल में समय-समय पर दवाइयां पहुंच रही हैं। जैसे ही दवा खत्म हो जाती है। तुरंत दवा मंगवा ली जाती है। खांसी का सिरप, पेनकिल्लर, पेट में जलन की दवा नहीं है तो इसकी जांच कराई जाएगी और जल्द ही अस्पताल में उपलब्ध कराई जाएगी।- डॉ. सुमन कोहली, सिविल सर्जन जींद।
मौसमी बीमारी बढ़ी, अस्पताल में जरूरी दवाएं नहीं
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