पंचकूला जिला पुलिस ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर आयुर्वेदिक क्लिनिक चलाने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। डीसीपी सृष्टि गुप्ता के नेतृत्व में की गई कार्रवाई में पानीपत के डॉ. कृष्ण कुमार और डॉ. वीरेंद्र कुमार को पकड़ा है। पकड़े गए आरोपियों से पुलिस की टीम द्वारा पूछताछ की जा रही है। पटना के संस्थान से प्रमाण पत्र हासिल जानकारी के अुसान दोनों आरोपियों ने बिहार के पटना स्थित राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा संस्थान से फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र हासिल किया। इसके बाद हरियाणा के समालखा में क्लिनिक खोल लिया। हरियाणा सरकार के नियमों के अनुसार संस्थान की डिग्री से प्रदेश में प्रैक्टिस की अनुमति नहीं है। कोर्ट ने एक दिन के रिमांड पर भेजा आरोपियों ने अंबाला के चन्द्र भूषण चौधरी की मदद से फर्जी डिग्रियों का माइग्रेशन और रिन्यूवल करवाने का प्रयास किया। भारतीय चिकित्सा परिषद के रिकॉर्ड में जब दस्तावेज नहीं मिले, तो मामले की जांच शुरू हुई। सेक्टर-21 पुलिस चौकी की टीम ने 5 जुलाई को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। कोर्ट ने उन्हें एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा। पुलिस ने फर्जी डिग्रियों की फोटोकॉपी बरामद कर ली है। प्रैक्टिशनर एक्ट के तहत केस पुलिस को जांच में पता चला है कि कई अन्य लोग भी इसी तरह फर्जी डिग्रियों से क्लिनिक चला रहे हैं। उनकी पहचान की जा रही है। मामला धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनाने, उनके इस्तेमाल, षड्यंत्र और आयुर्वेदिक यूनानी प्रैक्टिशनर एक्ट 1963 के तहत दर्ज किया गया है।
पंचकूला में फर्जी डिग्री से चल रहे क्लिनिक का खुलासा:दो आरोपी गिरफ्तार, पानीपत के रहने वाले, साथियों की तलाश
4