महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड़ ने बासी खाना देने वाले कैंटीन कर्मचारी की पिटाई की थी, जिस पर विपक्ष ने जोरदार विरोध किया. अब इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि पुलिस को जरूर जांच करनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ”इसके लिए किसी के द्वारा शिकायत दर्ज कराने की जरूरत नहीं है. अगर यह संज्ञेय (Cognizable) अपराध है, तो पुलिस स्व: संज्ञान लेकर कार्रवाई कर सकती है. यह अपराध संज्ञेय है या असंज्ञेय (Non-Cognizable), यह इस पर निर्भर करता है कि कितनी जोर से मारा गया. इसी के आधार पर अपराध की प्रकृति तय होती है.”
अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या पुलिस स्वतः पहल कर विधायक संजय गायकवाड पर कार्रवाई करेगी.
शिवसेना विधायक ने क्या कहा?बुलढ़ाना से शिवसेना विधायक संजय गायकवाड ने अपनी हरकत का समर्थन करते हुए कहा कि अगर मेरी राह गलत भी रही, तो मुझे कोई पछतावा नहीं है. बल्कि मैंने जो किया, उसी की वजह से घटिया खाना देने वाले कैंटीन पर कार्रवाई हुई. मैंने बस थोड़ा बहुत मारा था. इसलिए केवल एनसी (Non-Cognizable Report) दर्ज हो सकती है.
उन्होंने कहा, ”यह कोई बड़ा अपराध नहीं है. मुझे कानून की जानकारी है. मैं मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मिलकर इस घटना की जानकारी दूंगा. अगर उन्हें लगता है कि मैं दोषी हूं, तो मैं उनके द्वारा दी गई सजा भुगतने के लिए तैयार हूं.”
केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू
सूत्रों ने बताया कि संजय गायकवाड़ के खिलाफ Non-cognizable offence (एनसी) दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है. मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस द्वारा एनसी दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
गायकवाड़ ने बासी भोजन परोसने पर मंगलवार (8 जुलाई) रात को ‘आकाशवाणी एमएलए’ हॉस्टल के कैंटीन के एक कर्मचारी को थप्पड़ मारा था. इस मारपीट का वीडियो वायरल है. इसके बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने बुधवार शाम को मुंबई स्थित कैंटीन चलाने वाले कैटरर का लाइसेंस निलंबित कर दिया. एफडीए ने अपने निलंबन आदेश में कहा कि कैंटीन के निरीक्षण के दौरान खाद्य सुरक्षा नियमों का उल्लंघन पाया गया.
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