भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने शुक्रवार (18 जुलाई) को विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत ने पहले कभी इतना गैर-जिम्मेदार विपक्ष नहीं देखा. उन्होंने मोदी सरकार की विदेश नीति की भी प्रशंसा करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया. उन्होंने जयपुर में पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘आज हम विपक्ष की ओर से जो देख रहे हैं, वह पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना है. भारत ने पहले कभी ऐसा व्यवहार नहीं देखा.’’
उन्होंने कहा, “मोदी सरकार की विदेश नीति बेहद कुशल और अभूतपूर्व है.” त्रिवेदी ने इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह गठबंधन निराशाजनक है. उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक भाजपा का सवाल है, भाजपा और राजग (NDA) को मिले अभूतपूर्व और ऐतिहासिक जनादेश के बाद, तथाकथित इंडिया गठबंधन निश्चित रूप से हताश और निराश है. महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन के लोग जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं, वह चिंताजनक और दुखद है.’’
देश में टकराव की राजनीति की शुरुआत होना दुर्भाग्यपूर्ण- त्रिवेदी
उन्होंने कहा, ‘‘देश में टकराव की राजनीति की शुरुआत महाराष्ट्र से होना निश्चित रूप से दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है, जहां से राष्ट्रवाद के कई स्वर उभरे हैं. 2024 के चुनाव के बाद भाजपा और राजग (NDA) मजबूत और एकजुट होते दिख रहे हैं. दूसरी ओर, विपक्ष का गठबंधन टूटता और बिखरता दिख रहा है. विपक्षी गठबंधन में टकराव साफ दिखाई दे रहा है.’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति मजबूत हुई है.
अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बारे में बोले सुधांशु त्रिवेदी
अहमदाबाद विमान दुर्घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मांग पर उन्होंने कहा कि विमान दुर्घटना एक अत्यंत तकनीकी मुद्दा है, जिस पर केवल विषय विशेषज्ञ ही जानकारी दे सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए अंतरराष्ट्रीय मानक हैं. किसी भी हवाई दुर्घटना की जांच कैसे की जाती है, इसके मानक स्पष्ट हैं और अंतरराष्ट्रीय संस्था स्थापित हैं. इसके बावजूद, इस दुखद घटना पर राजनीति करके कांग्रेस ने न केवल अपनी तुच्छ मानसिकता, बल्कि राहुल गांधी के प्रभाव से उत्पन्न अपनी अज्ञानता और मानसिक विकलांगता का भी परिचय दिया है.’’
इससे पहले, त्रिवेदी ने पार्टी कार्यालय में एक राज्य स्तरीय मीडिया कार्यशाला को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में भारत ने गुलाम मानसिकता को अपनाया, जबकि भाजपा सरकार ने भारतीय विचारधारा पर आधारित स्वशासन व्यवस्था स्थापित की.
महाराणा प्रताप को हारा हुआ पढ़ाया जाने का क्या कारण रहा- त्रिवेदी
पार्टी की ओर से जारी बयान में त्रिवेदी ने कहा, ‘‘1947 में अंग्रेजों से आजादी मिली, 1977 में हम राजनीतिक रूप से आजाद हुए, 1990 के दशक में हम सांस्कृतिक रूप से आजाद हुए और आज हम वैचारिक लोकतंत्र के रूप में स्थापित हुए है.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस और वामपंथी लोगों ने पाठ्यक्रमों में इस तरह की विषय वस्तु शामिल करवाई, जिससे भारतीय होने पर ग्लानि और हिंदू होने पर शर्म महसूस हो.
उन्होंने कहा, ‘‘क्या कारण है कि महाराणा प्रताप को हारा हुआ पढ़ाया जाता रहा, क्या महाराणा प्रताप युद्ध क्षेत्र में वीर गति को प्राप्त हो गए थे, क्या उन्हें बंदी बना लिया गया था, क्या उन्होंने टैक्स देना स्वीकार किया था, तो फिर कैसे महाराणा प्रताप की पराजय का इतिहास हमारी युवा पीढ़ी को पढ़ाया गया. राणा सांगा के बारे में लुटेरों के लिखें झूठ को इतिहास बनाकर क्यों पढ़ाया गया?’’ उन्होंने कहा, “आज कांग्रेस के लोग शिक्षा के पाठ्यक्रम में परिवर्तन को लेकर सवाल उठा रहे है कि भगवाकरण हो रहा है, यह भगवाकरण नहीं, बल्कि भारत का प्रकटीकरण है.”
पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू के बारे में बोले सुधांशु त्रिवेदी
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने अपनी पुस्तक ‘डिस्कवरी आफ इंडिया’ में गजनी की मथुरा यात्रा का जिक्र करते हुए उसे कला प्रेमी बता दिया, जबकि महमूद गजनी के दरबारी इतिहासकार अल उतबी ने तारीख-ए-यामिनी नामक पुस्तक में लिखा है कि गजनी ने मथुरा की इमारतों और मंदिरों की भव्यता को देखकर कहा था कि ये इंसान की बनाई नहीं हो सकती, इसे देवताओं ने बनाया है, इसलिए इन्हें जमींदोज कर दिया जाए.’’ भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि क्यों देश से नेहरू ने यह सच छुपाया और आक्रांताओं का महिमा मंडन किया?
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‘भारत ने पहले कभी इतना गैर-जिम्मेदार विपक्ष नहीं देखा’, इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए बोले सुधांशु त्रिवेदी
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