महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों माहौल गरमाया हुआ है. इस बीच शरद पवार गुट के एनसीपी (NCP) के एक नेता पर FIR होने की खबर भी सामने आ रही है. विधायक रोहित पवार (Rohit Pawar) के खिलाफ मुंबई के आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है.
रोहित पवार पर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और पुलिस अधिकारी से दुर्व्यवहार करने का आरोप है. यह विवाद तब बढ़ा जब रोहित पवार ने अपने सहयोगी विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थक नितीन देशमुख की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए पुलिस स्टेशन में जाकर अधिकारियों से तीखी बहस कर ली.
कैसे शुरू हुआ विवाद?
विवाद की शुरुआत नितीन देशमुख और बीजेपी गुट के कार्यकर्ता सर्जेराव टकले के बीच एक कहासुनी से हुई थी. मामूली बहस ने देखते ही देखते झगड़े का रूप ले लिया. पुलिस को संदेह है कि यह झड़प पूर्व नियोजित थी क्योंकि पहले भी इन दोनों के बीच तनातनी हो चुकी थी.
पुलिस की कार्रवाई और पवार की प्रतिक्रिया
झगड़े के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों, सर्जेराव टकले और नितीन देशमुख, को गिरफ्तार कर लिया. इसी गिरफ्तारी के विरोध में जितेंद्र आव्हाड अपने 10–12 समर्थकों के साथ पुलिस स्टेशन पहुंचे. उन्होंने पुलिस पर दबाव बनाया कि नितीन देशमुख को हिरासत में न लिया जाए. इस घटनाक्रम में रोहित पवार भी शामिल हुए और उन्होंने कड़ा विरोध जताते हुए पुलिस अधिकारियों से तेज बहस की.
क्या है मामला दर्ज होने की वजह?
FIR के अनुसार, रोहित पवार ने सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई और ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों से असहयोग और अभद्र व्यवहार किया. यह कृत्य भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है. पुलिस का कहना है कि वे इस पूरे मामले की विधिवत जांच कर रहे हैं और CCTV फुटेज सहित अन्य सबूतों को खंगाला जा रहा है.
महाराष्ट्र: एनसीपी शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार पर FIR, पुलिस से दुर्व्यवहार का आरोप
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