पंचकूला में पुलिस ने मानवता की अनूठी मिसाल पेश की। तवा चौक के पास एक गर्भवती महिला को रात में अचानक प्रसव पीड़ा हुई। सेक्टर 21 की रहने वाली लक्ष्मी (22) अपने पति अनिल के साथ एक्टिवा पर अस्पताल जा रही थी। रास्ते में तेज दर्द के कारण वे तवा चौक पर रुक गए। एक राहगीर की सूचना पर महिला थाना टीम और दुर्गा शक्ति टीम तुरंत मौके पर पहुंची। टीम में इंचार्ज उस्मान और महिला सिपाही अंजली शामिल थे। पुलिस टीम ने सड़क किनारे ही सुरक्षित डिलीवरी करवाई। एम्बुलेंस के पहुंचने से पहले ही एक स्वस्थ बच्ची का जन्म हुआ। बाद में मां और बच्ची दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने दोनों की हालत ठीक बताई है। यह घटना रात 12 से 2 बजे के बीच की है। महिला एसएचओ नेहा संधू ने सुझाव दिया कि बच्ची का नाम ‘दुर्गा’ रखा जाए। लक्ष्मी के पति अनिल ने पुलिस का आभार जताते हुए कहा कि पुलिस ने संकट के समय देवदूत बनकर उनकी मदद की। ड्यूटी से परे जाकर इंसानियत की मिसाल पेश की- डीसीपी
इस अवसर पर डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने भी इस साहसिक और संवेदनशील कार्य की सराहना करते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि हमारी पुलिस ने ड्यूटी से परे जाकर इंसानियत और करुणा की अद्वितीय मिसाल पेश की है। उन्होंने महिला एसएचओ नेहा संधू, दुर्गा शक्ति टीम, इंचार्ज उस्मान और महिला सिपाही अंजली की विशेष रूप से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह घटना इस बात का प्रतीक है कि पुलिस सिर्फ कानून व्यवस्था की रखवाली नहीं करती, बल्कि संकट की घड़ी में समाज की असली रक्षक और सहारा भी बनती है। ‘दुर्गा’ नाम की इस नवजात बच्ची के जन्म के साथ पंचकूला पुलिस ने मानवता की एक नई कहानी लिखी है।
पंचकूला पुलिस ने रोड पर करवाई सुरक्षित डिलीवरी:मां-बेटी दोनों स्वस्थ, रास्ते में अचानक हुई प्रसव पीड़ा; राहगीर ने देख सूचना दी
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